विद्यार्थी और शिक्षक भी अपने खेतों में जोत-कोड़ करने लगे हैं. धान का बीज लगाने के लिए जमीन तैयार करने लगे हैं. मुंबई से आने वाली रंजीत रजक, सुनील राम, मुकेश राणा, अभिषेक कुमार, जितेंद्र राणा ने बताया कि गांव में रोजगार नहीं मिलने के कारण घर में ही रहते हैं. रोजगार नहीं मिलने के कारण खेत में ही मन लगा रहे हैं.
अजय राम, सुखदेव राम, महेश्वरी राम, राजीव रंजन जो पिछले साल तक ट्रैक्टर से खेत की जुताई करवाते थे, इस बार कुदाल से ही खेती कर रहे हैं. इन किसानों का कहना है कि खेती के लिए ट्रैक्टर पर निर्भर हो गये थे. इसलिए हल-बैल नहीं रखते. अब डीजल का दाम बढ़ जाने से ट्रैक्टर से खेत जोतवाना काफी महंगा पड़ रहा है.
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किसानों ने कहा कि एक तो लॉकडाउन में कमाई बंद हो गयी. दूसरी तरफ, पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार इजाफा हो रहा है. डीजल की कीमतें तो आसमान छू रही हैं. इसलिए ट्रैक्टर से खेत जोतवाना अब महंगा सौदा हो गया है. सो, हमने खुद कुदाल से खेती शुरू कर दी है. इससे दो पैसे की बचत हो जायेगी.
उल्लेखनीय है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें 80 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गयी हैं. लॉकडाउन के दौरान तेल की कीमतों में वृद्धि रुक गयी थी, लेकिन जून में जब से लॉकडाउन खुला है, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेल कंपनियों ने वृद्धि शुरू कर दी है. पेट्रोल और डीजल करीब 10 रुपये तक महंगे हो गये हैं.
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Posted By : Mithilesh Jha