पूर्वी सिंहभूम में किसानों को मिलेगा डीबीटी का लाभ, यूरिया समेत अन्य लाभ लेने के लिए एडवाइजरी जारी

अब सभी पंजीकृत खुदरा उर्वरक विक्रेता अपने बिक्री केंद्रों से उर्वरक की बिक्री प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन, एंड्राइड फोन, डेस्कटॉप या लैपटॉप के माध्यम से कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 16, 2023 12:21 PM
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पूर्वी सिंहभूम में खाद की बिक्री में डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) पूर्णरूपेण लागू कर दिया गया है. अब सभी पंजीकृत खुदरा उर्वरक विक्रेता अपने बिक्री केंद्रों से उर्वरक की बिक्री प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन, एंड्राइड फोन, डेस्कटॉप या लैपटॉप के माध्यम से कर रहे हैं. यह कहा गया है कि किसान उर्वरक खरीदते समय आधार कार्ड एवं मोबाइल अवश्य लेकर जायें. साथ ही संपर्क रहित (काॅन्टैक्टलेस) खरीदारी के लिए आधारकार्ड से लिंक मोबाइल ओटीपी प्रणाली एवं भुगतान के लिए दुकान में लगे यूपीआइ क्यूआर कोड या ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम का उपयोग करें. इस प्रणाली से भी किसानों को उर्वरक पूर्व की भांति सब्सिडी मूल्य में ही मिलेगा.

किसानों से अपील की गयी है कि वे अफवाह से बचें. पॉश मशीन से आधार कार्ड के माध्यम से खाद खरीदने से न ही बैंक एकाउंट से पैसे कटेंगे और न ही दूसरी सरकारी योजनाओं के लाभ से कोई वंचित होंगे. यह भी बताया गया है कि यूरिया की प्रति बोरी 45 किलो के पैकेट की होती है एवं शेष उर्वरकों की बोरी 50 किलो पैकेट की होती है. यदि किसी भी खुदरा विक्रेता द्वारा उक्त निर्धारित एमआरपी से अधिक मूल्य पर उर्वरकों की बिक्री की जाती है तो ऐसी स्थिति में संबंधित प्रखंड के प्रखंड कृषि पदाधिकारी या प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, जिले के जिला कृषि कार्यालय तथा संयुक्त कृषि निदेशक कार्यालय में इसकी शिकायत की जा सकती है. यदि किसी विक्रेता द्वारा जबरन अनुदानित उर्वरकों के साथ गैर – अनुदानित उर्वरकों की बिक्री की जाती है, तो ऐसी स्थिति में संबंधित विक्रेता की अनुज्ञप्ति रद्द करते हुए उनके विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के तहत सख्त कार्रवाई की जायेगी.

केरुवाडुंगरी में विकास योजनाओं की समीक्षा की गयी

सुंदरनगर क्षेत्र के केरुवाडुंगरी में पंचायत स्तरीय मासिक समीक्षात्मक बैठक सह जन्म-मृत्यु निबंधन अभियान चलाया गया. इस समीक्षात्मक बैठक की अध्यक्षता मुखिया कान्हू मुर्मू ने की. इस बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, आंगनबाड़ी, कृषि, खाद्य आपूर्ति, मनरेगा समेत अन्य विभाग के कार्यों पर समीक्षा की गयी. मौके पर जन्म-मृत्यु निबंधन अभियान से संबंधित कर्मचारियों को एक माह के अंदर शत-प्रतिशत सर्टिफिकेट निर्गत करने का निर्देश दिया गया. बैठक में जेएसएलपीएस व राशनिंग विभाग से कोई भी प्रतिनिधि नहीं पहुंचा था. इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारियों को दे दी गयी है.

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