60,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया
सरकारी वकील रश्मि रंजन ब्रह्मा ने कहा कि आजीवन कारावास के अलावा, विशेष अदालत की न्यायाधीश सष्मिता पाधी ने गुनुपुर के पूर्व विधायक पर विभिन्न धाराओं के तहत 60,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. इस मामले से जुड़े 11 गवाहों के बयान और 15 दस्तावेजों के आधार पर गोमंगा को दोषी ठहराया गया. अभियोजन पक्ष के अनुसार, शशिरेखा का अधजला शव 29 अगस्त, 1995 को यहां गोमंगा के आधिकारिक आवास के स्नान कक्ष से बरामद किया गया था.
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क्या है पूरा मामला ?
भुवनेश्वर के खारवेल नगर पुलिस थाने में शुरुआत में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में हत्या का मामला दर्ज किया गया क्योंकि जांच में हत्या किये जाने के संकेत मिले थे. गोमंगा गुनुपुर विधानसभा क्षेत्र से जनता दल के टिकट पर 1995 में विधायक निर्वाचित हुए . फिर 2000 में इसी सीट से भाजपा के टिकट पर विधायक बने, लेकिन वर्ष 2004 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हेमा गोमंगा से हार गये.