Varanasi News: अब अजान के वक्त बजेगा हनुमान चालीसा, महाराष्ट्र से UP पहुंचा अजान विवाद

Varanasi News: काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन ने यह फैसला लिया है कि रोज पांच वक्त काशीवासियों को हनुमान चालीसा का पाठ सुनाया जाएगा. जैसे ही अजान की आवाज कम होने लगेगी हम इसे दो समय सूर्योदय व सूर्यास्त में बजाना शुरू कर देंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | April 14, 2022 2:41 PM
an image

Varanasi News: श्रीकाशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन ने वाराणसी में पांच वक्त हनुमान चालीसा पाठ व वैदिक मंत्रों के उच्चारण का संकल्प लिया है. मस्जिदों से तेज आवाज में गूंजती अजान के स्वरों से होती तकलीफ को चेताने के लिए ऐसा कदम उठाया गया है, ताकि दैनिक क्रियाकलापों में बाधा न आये. श्रीकाशी विश्वनाथ ज्ञानवापी आंदोलन का तर्क है कि बनारस में पहले काशीवासियों की सुबह मंदिर में बज रहे हनुमान चालीसा के पाठ से होती थी लेकिन अब मस्जिदों से बजने वाले अजान से हो रही है.

श्रीकाशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन से जुड़े लोगों ने आगे कहा कि यह समझ में नहीं आ रहा है कि हम काशी में रह रहे हैं या काबा में. इसलिए काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन ने यह फैसला लिया है कि रोज पांच वक्त काशीवासियों को हनुमान चालीसा का पाठ सुनाया जाएगा. जैसे ही अजान की आवाज कम होने लगेगी हम इसे दो समय सूर्योदय व सूर्यास्त में बजाना शुरू कर देंगे. श्रीकाशी विश्वनाथ ज्ञानवापी आंदोलन के अध्यक्ष सुधीर सिंह ने बताया कि अनादिकाल से काशी में सुबह सुबह सोकर उठने पर हनुमान जी का भजन- कीर्तन सुनने को मिलता था. हमारी सुप्रभात इन्ही वैदिक पाठों द्वारा होती थी, धीरे- धीरे इतना दबाव बनाया गया कि ये सारी चीजें बन्द हो गई.

Also Read: Varanasi News: डीआरआई वाराणसी टीम को बड़ी सफलता, गांजा तस्करी का मास्टरमाइंड छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश आया कि ध्वनि प्रदूषण नही होना चाहिए लेकिन इसका यह परिणाम हुआ कि मंदिरों से मॉइक उतरते चले गए और मस्जिदों में भोंपू बढ़ते चले गए. आज की यह स्थिति है कि सुबह साढ़े 4 बजे मन्दिर की अजान से नींद खुल जाती हैं. हमारा यह कहना है कि जब उनके मस्जिदों में अजान की आवाज गूंज रही हैं तो क्यों न हमारे मंदिरों में मंत्र और चालीसा पाठ गूंजे. इसी क्रम में हमलोगो ने कल यह शुरू किया कि जब 6:18 मिनट पर अजान हुई तो हमलोगो ने अपने- अपने घरों में छोटा व बड़ा स्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाया. और उसका परिणाम यह हुआ की आज उनकी अजान धीरे बज रही हैं.

हमलोग लगातार यह कहते रहे हैं कि अजान आप कीजिये न ही किसी के धर्म पर कोई टिप्पणी कर रहे हमलोग , लेकिन अजान की आवाज धीमे हो न ताकि सोने में कोई खलल न हो. हम लोग इस वक्त 4 से 5 वक्त हनुमान चालीसा और वैदिक मंत्रों को स्पीकर के माध्यम से बजा रहे हैं. हालांकि हम हिंदुओ में सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद ही मन्त्रों का उच्चारण उचित माना जाता है. सभी मंदिरों पर पांच वक्त नमाज के समय हनुमान चालीसा बजाएं. इससे काशी की हिंदू संस्कृति पुन: अपने मूल रूप को प्राप्त हो सकेगी. हम इसे काशी के डेढ़ सौ मंदिरों में भी शुरू कर रहे है इससे कोई साम्प्रदायिक तनाव नहीं होगा बल्कि हम तो अपना काम कर रहे है जो हमारी परंपरा रही है और वो अपना काम कर रहे है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version