सुश्री पॉल ने आरोप लगाया कि 26 सितंबर, 2020 को मदन घोराई को पुलिस बुलाकर ले गयी तथा पुलिस हिरासत में पुलिस ने उन्हें प्रताड़ित किया. इससे उनकी मौत हो गयी. मृतक का पोस्टमार्टम किया गया था, लेकिन उनके परिवार के सदस्यों ने चुनौती दी और कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ में मामला दायर किया.
एकल पीठ ने पक्ष में राय दी, लेकिन राज्य सरकार ने खंडपीठ में इसकी चुनौती दी. विगत 16 दिनों से भाजपा कार्यकर्ता का शव आरजीकर अस्पताल में पड़ा हुआ है, लेकिन राज्य सरकार दूसरे पोस्टमार्टम का आदेश नहीं दे रही है. अदालत के आदेश की अवमानना कर रही है.
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उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार अब खुद ही जज बन गयी है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी भाजपा कार्यकर्ता के शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ है. यह बहुत ही शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हाथरस की घटना के खिलाफ आवाज उठाती हैं, लेकिन इस मामले में चुप हैं.
सुश्री पॉल ने कहा कि अदालती आदेश के बावजूद दूसरी बार शव का पोस्टमार्टम नहीं किया जा रहा है. उन्होंने पूरे मामले की सीबीआइ जांच कराने और अविलंब शव का दूसरी बार पोस्टमार्टम कराने की मांग की है.
Posted By : Samir Ranjan.