क्या है मामला
मामले पर गज्जू ने बताया कि वे रामगढ़ से अपनी कार (जेएच01इडब्ल्यू-4526) से लौट रहे थे. इस क्रम में बरकाकाना भी रुके थे. वे सतर्कता से नजर बनाये हुए थे. भदानीनगर थाने तक सबकुछ सामान्य था. जब वे मतकमा चौक पहुंचे, तो उन्हें संदेह हुआ कि कोई उनका पीछा कर रहा है. बिरसा चौक पहुंचते-पहुंचते यकीन हो गया कि पीछे चल रही बाइक उनका ही पीछा कर रही है. ड्राइवर को गाड़ी तेजी से भगाने को कहा, लेकिन इस क्रम में जुबिली सैलून के पास सड़क पर जाम के कारण कार की रफ्तार धीमी हो गयी. जिसका फायदा उठाते हुए अपराधियों ने कार पर ताबड़तोड़ दो गोली चला दी. गोली चलते ही कार चालक टुब्बू ने कार की रफ्तार तेज कर दी. कार को तेज गति से भगाने के क्रम में रास्ते पर खड़े कुछ बाइक व फुटपाथ पर रखे सामान से कार की रगड़ भी हुई. लेकिन टुब्बू ने कार की रफ्तार धीमी नहीं की. सीधे घटनास्थल से करीब तीन सौ मीटर दर स्थित भुरकुंडा थाना कैंपस में ले जाकर खड़ा कर दिया.
मौके पर पहुंची पुलिस
इधर, सूचना पर तत्काल भुरकुंडा थाना प्रभारी अमित कुमार घटनास्थल पर पहुंचे और छानबीन शुरू कर दी. एसडीपीओ वीरेंद्र चौधरी, इंस्पेक्टर रोहित कुमार भी जांच के लिए पहुंचे. एसडीपीओ ने कहा कि पुलिस पूरी तरह एक्टिव है. जल्द अपराधियों को पकड़ लिया जायेगा. व्यवसायियों को सुरक्षा देना हमारी जिम्मेवारी है.
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रैक लोडिंग बना हॉट केक, टारगेट पर रैक ट्रांसपोर्टर
रामगढ़ जिले में रैक लोडिंग का धंधा हॉट केक बना हुआ है. इसे लेकर आये दिन रैक लोडिंग के धंधे में वर्चस्व जमाने का मामला सामने आता रहता है. हाल के दिनों में कुजू में भी दो गुटों में जमकर मारपीट हुई थी. इससे पूर्व बरकाकाना साइडिंग में भी कई बार खून-खराबा हो चुका है. अब रैक ट्रांसपोर्टिंग से जुड़े व्यवसायी टारगेट होने लगे हैं. नौ जनवरी को नेपाल यादव व 23 जनवरी को गजानंद प्रसाद उर्फ गज्जू पर चली गोली इस बात का प्रमाण है कि रैक लोडिंग का धंधा जिले में हॉट केक बन गया है. हालांकि, दोनों घटनाओं के बाद भुक्तभोगियों ने पुलिस को बताया कि उन्हें किसी से रंगदारी को लेकर कोई धमकी नहीं मिली थी. सर्वविदित है कि इस तरह का धंधा मैनेज करके चलता है. जिसकी बदौलत इस व्यवसाय से जुड़े लोग खुद को सेफ महसूस करते थे और यह धंधा स्मूथ चल रहा था. लेकिन अचानक अब रैक ट्रांसपोर्टरों पर हो रहे हमले ने सबको सकते में डाल दिया है. लोगों में अब इस की चर्चा शुरू हो गयी है कि रैक लोडिंग के धंधे पर कोई अपनी पूरी बादशाहत चाहता है. इसी मंसूबे से वह इस धंधे के प्रमुख लोगों को निशाना बना रहा है.
हो रही थी गज्जू की रेकी
जिस तरह से घटना को अपराधियों ने अंजाम दिया है, उससे प्रतीत होता है कि गज्जू की लगातार रेकी हो रही थी. रामगढ़ से ही गज्जू की गतिविधि की सूचना अपराधी अपने साथियों को दे रहे होंगे. चूंकि गज्जू काले शीशे वाली कार में बैठे थे. ऐसे में उनकी पहचान मुश्किल थी. लेकिन अपराधियों को पता था कि वह इसी कार में बैठे हैं और पीछे की सीट पर हैं. मतलब साफ है कि अपराधियों के पास उस गाड़ी का नंबर था. पल-पल की इनपुट मिल रही थी. जिसके आधार अपराधी मतकमा चौक से उनकी कार के पीछे पड़ गये. पुलिस रास्ते में लगे कई जगहों की सीसीटीवी खंगाल रही है.
अपराधियों का मनोबल चरम पर
रामगढ़ जिले में अपराधियों का मनोबल चरम पर है. अब तक रहे ट्रेंड में गोली चालन की घटनाएं अक्सर देर रात और कम भीड़ वाले स्थानों पर होती थी. लेकिन, अब अपराधी भीड़े वाले इलाके में भी टारगेट करने से परहेज नहीं कर रहे हैं. सोमवार को कोयला ट्रांसपोर्टर गज्जू पर गोली चलने की घटना इस बात की तस्दीक करती है. घटना के वक्त शाम सवा सात बजे भुरकुंडा बाजार में काफी भीड़ रहती है. मेन रोड अक्सर जाम रहता है. ऐसे में अपराधियों का गोली चलाकर आसानी से भाग निकलना उनके बढ़े मनोबल को दर्शाता है. नौ जनवरी को इसी तरह दिनदहाड़े रामगढ़ के विकास नगर में कोयला ट्रांसपोर्टर व रैक लोडर नेपाल यादव को टारगेट कर अपराधियों ने गोली चलायी. नेपाल यादव अपनी दिलेरी से बाल-बाल बच गये. दोनों एक ही तरह के व्यवसाय से जुड़े हैं.
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