पीड़ित रामराई हांसदा ने पुलिस के समक्ष शिकायत में कहा कि परिवार में 7 सदस्य और हैं. मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करते हैं. इसके अलावा पुश्तैनी जमीन पर खेती भी करते हैं. विगत 21 जून को मेरे पत्नी पर डायन होने का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने बैठक किया. इस बैठक में मुझे गांव छोड़ने का फरमान जारी किया गया. गांव नहीं छोड़ने पर परिवार सहित जान मारने की धमकी देने लगे.
ग्रामीणों की बैठक में गांव के माझी मंगल किस्कू, सुरेश किस्कू, बिगुल किस्कू, लोखीन किस्कू, भोस्को हांसदा, संगा किस्कू, हिमा किस्कू, झोकरो सारडी, जयराम हेम्ब्रेम, अलोमनी मुर्मू, दुलु टुडू, भुट्टी टुडू, देविघासी टुडू, होपना किस्कू, मंगल किस्कू, कृष्ण पूर्ति, बुलाय किस्कू, चरण हांसदा सहित अन्य ग्रामीणों ने इसका समर्थन किया.
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थाने में दिये आवेदन में पीड़ित रामराई हांसदा ने पुलिस से न्याय देने एवं परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है, ताकि सामान्य जीवन व्यतीत कर बच्चों की पढ़ाई जारी रख सकें.
Posted By : Samir Ranjan.