गिरिडीह में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़, देखें क्या हुआ जब अस्पताल के कर्मियों ने डायलिसिस करने से किया इनकार

गिरिडीह सदर अस्पताल में डायलिसिस सेंटर के कर्मियों ने मरीजों का डायलिसिस करने से किया इनकार कर दिया, जिसके बाद सदर अस्पताल का गेट बंद कर मरीज सड़क पर बैठ गए और डायलिसिस कराने की मांग करने लगे. इस बीच कई मरीजों के हालत खराब दिखी.

By Jaya Bharti | November 6, 2023 4:42 PM
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गिरिडीह, मृणाल सिन्हा : गिरिडीह सदर अस्पताल में स्थित डायलिसिस सेंटर के कर्मियों को पिछले कुछ माह से वेतन का भुगतान नहीं हो रहा था, जिसके कारण सोमवार दोपहर से डायलिसिस सेंटर के कर्मियों ने सदर अस्पताल में मरीजों का डायलिसिस करना अचानक बंद कर दिया. जैसे ही मरीजों को यह जानकारी मिली कि सदर अस्पताल में उनका डायलिसिस नहीं किया जाएगा तो सभी मरीज और मरीज के परिजन सदर अस्पताल के मुख्य गेट के बाहर बैठ गए और सिविल सर्जन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.

जिले के अलग-अलग प्रखंडों से डायलिसिस कराने आए मरीज परेशान हो गए. मरीजों के साथ उनके परिजन भी परेशान थे.

कुछ मरीज सड़क पर ही लेट गए. सभी की हालत खराब थी. बता दें की सदर अस्पताल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और संजीवनी डायलिसिस सेंटर के द्वारा मरीजों का नि:शुल्क डायलिसिस कराया जाता है. लेकिन पिछले कुछ माह से डायलिसिस सेंटर के कर्मियों को वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है.

वेतन भुगतान नहीं होने के कारण आज दोपहर रांची से कंपनी के द्वारा गिरिडीह के डायलिसिस सेंटर में कार्यरत कर्मियों को मरीजों का डायलिसिस करने से मना कर दिया गया. जिसके बाद यहां के कर्मी मरीजों का डायलिसिस करना बंद कर दिए. इसी के बाद सभी मरीज सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे.

इधर, मामले की जानकारी मिलने के बाद सदर एसडीएम विशालदीप खलको मौके पर पहुंचे और सभी मरीजों को सड़क पर से उठाकर डायलिसिस सेंटर तक पहुंचाया और मरीजों का डायलिसिस शुरू करवाया. इस बाबत सदर एसडीएम विशालदीप खलको ने बताया कि जैसे ही उन्हें इस बात की जानकारी मिली तो तत्काल उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर सभी मरीजों का इलाज शुरू करवाया है और इस मामले में सिविल सर्जन से बात कर दोषी कर्मियों और डायलिसिस सेंटर चलाने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि मरीजों की जान के साथ सौदा करना किसी भी सूरत में जिला प्रशासन या सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी. इधर सिविल सर्जन डॉक्टर. एसपी मिश्रा ने बताया कि रांची की संजीवनी कंपनी के द्वारा सदर अस्पताल में डायलिसिस सेंटर का संचालन किया जा रहा है. लेकिन इस कंपनी के द्वारा मनमानी की जा रही है. कई माह तक पहले तो बिल को लटकाया जाता है और फिर ब्लैकमेलिंग कर जबरन बिल पास करने का दबाव डाला जाता है. उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार से कर्मियों ने मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया है, यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वह आज ही सरकार से कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की लिखित शिकायत करेंगे.

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