भगवान श्री कृष्ण को जन्माष्टमी के दिन धनिए से बनी पंजीरी का भोग भी लगाया जाता है. धनिया की पंजीरी को धनिया पाउडर में मिसरी, काजू, बादाम और घी मिलाकर अच्छे से मिक्स करके तैयार किया जाता है. जिसके बाद इस प्रसाद का भोग कान्हा को लगाया जाता है.
भगवान कृष्ण के पसंदीदा भोग में से एक माखन मिसरी है. श्री कृष्ण माखन के साथ मिसरी मिलाकर खाते थे. यही वजह है कि जन्माष्टमी के दिन भी उनके भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए माखन मिसरी का भोग लगाते हैं.
श्री कृष्ण को चावल की खीर खाना बेहद पसंद था. मैय्या यशोदा अपने लल्ला की इस पसंद को पूरा करने के लिए खासतौर पर खीर बनाया करती थी. जन्माष्टमी के दिन कृष्णा के भक्त भी उन्हें प्रसन्न करने के लिए खीर का भोग लगाते हैं.
कान्हा की पूजा में पंचामृत जरूरी माना जाता है. इसके बिना जन्माष्टमी की पूजा अधूरी मानी जाती है. पंचामृत में पांच चीजें घी, दूध, दही, तुलसी पत्र, गंगाजल और शहद शामिल होता है.
कृष्ण की पूजा में खीरा रखना भी बहुत जरूरी होता है. कई जगह कृष्ण जन्म को खीरे के प्रतीक के तौर पर दिखाया जाता है, जिसके चलते पूजा में इसका खास महत्व होता है.
1 कप धनिया पाउडर, 3 चम्मच घी, आधा कप चीनी पाउडर, आधा कप कटे हुए मखाने, आधा कप कद्दूकस नारियल, बारीक कटे हुए काजू, बारीक कटे हुए बादाम, चिरौंजी, खरबूज के बीज
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