एक करोड़ से अधिक का व्यवसाय प्रभावित
जानकारी के अनुसार, बाजार समिति झुमरीतिलैया में हर दिन 20 से 30 छोटी बड़ी गाड़ियों से माल उतरता है, लेकिन हड़ताल के कारण बुधवार को महज 10 गाड़ियां ही पहुंची. वह भी दो से तीन दिन पूर्व विभिन्न प्रदेशों से चली गाड़ियां ही पहुंची. इधर, जिले में व्यवसायिक प्रतिष्ठान एवं फ्लावर मिल, आलू-प्याज के थोक विक्रेता के प्रतिष्ठान बंद रहने की वजह से लगभग एक करोड़ से अधिक का व्यवसाय प्रभावित हुआ. झुमरीतिलैया के स्टेशन रोड, झंडा चौक गली, हटिया रोड, खुदरा पट्टी, पानी टंकी रोड तथा रांची पटना रोड की दुकानें बंद रहीं. व्यवसायियों ने रैली निकाली और इंस्पेक्टर राज को खत्म करने की मांग को बुलंद किया. व्यवसायियों ने कहा कि बाजार समिति में खाद्यान्न की दुकानों में दो प्रतिशत और कच्चे आलू प्याज, फल, सब्जियों में एक प्रतिशत की वृद्धि होगी.
बंद का दिखा व्यापक असर
व्यवसायी संघ के अध्यक्ष श्याम सुंदर महेश्वरी एवं सचिव संजय कुमार बॉबी ने कहा कि चेंबर ऑफ कॉमर्स के आह्वान पर जिले में भी बंद का व्यापक असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि देश में एक देश एक टैक्स के तहत जीएसटी लागू है. ऐसे में बाजार समिति का शुल्क झारखंड में लगाना व्यापारियों के साथ-साथ जनता पर बोझ डालने के बराबर है. वहीं, पड़ोसी राज्य बिहार और बंगाल में बाजार समिति का कोई टैक्स नहीं है. रैली में दीपक बसंत, प्रदीप कुमार टन्नू, गोविंद मोदी, राधेश्याम मोदी, रंजीत साव, सुनील साव, अरविंद चौधरी, राहुल जैन, दीपक सिंघानिया, अजय तर्वे, संजय कुमार, बबलू साव, विनय कुमार, मनोज कुमार कंधवे, आलू व्यवसायी मानिक चंद, अरुण सोनकर, सूजय सिंह, बबलू सोनकर, भानु प्रसाद, सुरेश भारद्वाज, हरीश मोदी, सचिन कुमार, त्रिलोकी साव, पंकज कुमार, सुमित कुमार, बीरेंद्र मोदी, अक्षय बसंत एवं सचिन कपसीमे आदि शामिल थे.
Also Read: झारखंड में 22 सीडीपीओ की ट्रांसफर-पोस्टिंग, पाकुड़ में भेज दिए दो-दो पदाधिकारी
दुकानों में ताले एवं शटर पर लगा दिखा विरोध की बात
अनिश्चितकालीन बंदी के पहले दिन बुधवार 15 फरवरी, 2023 को शहर में सभी खाद्यान्न की दुकानें बंद रहीं, तो दूसरी ओर इसका असर आम लोगों पर भी दिखा़ लोग रोजमर्रा का सामान खरीदने बाजार पहुंचे, पर दुकानें बंद रहने की वजह से बैरंग लौटना पडा़ व्यवसायियों ने अपनी दुकानों के बाहर बंदी का कारण लिख कर पोस्टर लगा रखा था़ इसमें लिखा है हेमंत सोरेन सरकार द्वारा काला कानून कृषि शुल्क दो प्रतिशत के विरोध में अनिश्चितकालीन बंद रहेगा.