महामृत्युंजय मंत्र का महत्व (
Importance of Mahamrityunjaya Mantra)
यजुर्वेद में उल्लेख है की यह मंत्र भगवान शिव की स्तुति का सबसे ताकतवर मंत्र है. इस मंत्र का जाप करने वाला व्यक्ति रोगमुक्त रहता है और मोक्ष का भागी बनता है. इसके अतिरिक्त भी इस मंत्र के जाप से असीम मनोकामना पूर्ण होती है.
ये है महामृत्युंजय मंत्र ( Mahamrityunjaya Mantra)
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्.
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
कितनी बार करना चाहिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप?
महामृत्युंजय मंत्र का जाप कम से कम सवा लाख बार किया जाना चाहिए, लेकिन कम से कम 108 बार इसका जाप सावन में जरूर करना चाहिए.
जानें महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के फायदे
इस मंत्र से भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होंते हैं. सावन में इसका जप करने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता हैं.
आकाल मृत्यु से बचाता है
किसी पर अकाल मृत्यु का साया हो तो उसे खुद या ब्राह्मणों के जरिये सवा लाख बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे मौत का खतरा टल जाता है. वहीं, कुंडली में गंभीर बीमारी या दुर्घटना का योग है तो भी इस मंत्र का जप करना चाहिए.
भयमुक्त करता है यह मंत्र
इस मंत्र के जाप से किसी भी तरह का भय दूर होता है. रोजाना 108 बार इस मंत्र का जाप करने से मन शांत और भयमुक्त होता है.
सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाला मंत्र
इस मंत्र का जाप करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इससे आप डिप्रेशन, तनाव जैसी बीमारियों से बचे रहते हैं.
निरोगी काया के लिए
निरोगी काया के लिए सुबह स्नान करने के बाद रुद्राक्ष की माला से 108 बार इस मंत्र का जाप करें. इससे बीमारियां शरीर का साथ छोड़ देती हैं.
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धन लाभ के लिए
यदि आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं तो सावन में शिवलिंग के समीप बैठ कर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे धन संबंधित जुड़ी सारी ही परेशानियां दूर होती है. साथ ही इससे रूके हुए काम भी पूरे हो जाते हैं.
मनोकामनाओं को पूरा करने वाला
यदि मनुष्य रोज इस महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर ले तो उसकी आयु बढ़ती है. साथ ही यह मंत्र बीमारियों को भी दूर रखने के साथ मनोकामनाओं को भी पूरा करने वाला होता है.
“दैवज्ञ” डॉ श्रीपति त्रिपाठी
ज्योतिर्विद
संपर्क नंबर- 9430669031