ममता बनर्जी को कांग्रेस की शरण में आना ही होगा, बोले प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी
west bengal election 2021: अधीर रंजन चौधरी (adhir ranjan chowdhury) ने कहा है कि विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद तृणमूल कांग्रेस (all india trinamool congress) को कांग्रेस (congress) के आगे हाथ पसारना होगा. याद रखें, आपको (mamata banerjee) फिर से कांग्रेस में ही आना होगा. ऐसा कांग्रेस की जरूरतों के लिए नहीं, बल्कि अपनी जरूरतों के लिए होगा. आप मजबूरी में ऐसा करेंगी.
By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2020 11:10 AM
कोलकाता : कांग्रेस-वाममोर्चा गठबंधन को लगातार मजबूत करने की दिशा में सक्रिय प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी सोशल मीडिया पर राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर हैं. हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना पक्ष रखते हुए ममता बनर्जी को आगाह किया कि मौजूदा जो दौर आ रहा है, उसमें मजबूरी में ही सही आश्रय लेने के लिए कांग्रेस के पास आना ही होगा.
उन्होंने कहा कि राज्य में चल रहे भगवाकरण के तूफान में तृणमूल कांग्रेस व्यावहारिक रूप से अस्त-व्यस्त हो गयी है. एक के बाद एक सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधि तृणमूल कांग्रेस छोड़ रहे हैं. शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल का साथ छोड़ दिया है. आगे छोड़नेवालों की लंबी कतार है.
इस बीच, तृणमूल नेता खुद दलबदल के मुद्दे पर लगभग हर बैठक में भाजपा पर हमला करते रहे हैं. अधीर चौधरी ने पार्टी दल-बदल के मुद्दे पर ममता बनर्जी को आड़े हाथाें लिया. उन्होंने तृणमूल सुप्रीमो पर तंज कसते हुए कहा, ‘तृणमूल के नेता अब पार्टी का ही विरोध कर रहे हैं.’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री चौधरी ने सीधे तृणमूल सुप्रीमो एवं प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा. कहा, ‘राज्य की सत्ता में आने के बाद उन्होंने हर साजिश करके एक के बाद एक कांग्रेस विधायकों को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने पर मजबूर किया.’
श्री चौधरी ने कहा कि मुर्शिदाबाद में ही तृणमूल ने उन विधायकों से जिला परिषदों, पंचायतों और यहां तक कि नगरपालिका परिषदों को भी अपने कब्जे में ले लिया, जो कई बार कांग्रेस के टिकट पर जीत चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘आपने कांग्रेस विधायक को खरीदा, लेकिन कांग्रेस पार्टी खरीद नहीं पायीं.’
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद तृणमूल कांग्रेस को कांग्रेस के आगे हाथ पसारना होगा. याद रखें, आपको फिर से कांग्रेस में ही आना होगा. ऐसा कांग्रेस की जरूरतों के लिए नहीं, बल्कि अपनी जरूरतों के लिए होगा. आप मजबूरी में ऐसा करेंगी.