चिंगलेनसाना सिंह ने मणिपुर हिंसा को लेकर बयां किया अपना दर्द
चिंगलेनसाना सिंह मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के खुमुजामा लेकेई के रहने वाले हैं. जब यह दुखद वाकया हुआ तब चिंगलेनसाना हैदराबाद एफसी टीम के साथ केरल के कोझिकोड में थे. अब चिंगलेनसाना सिंह ने मणिपुर की हिंसा को लेकर अपना दर्द बयां किया है. चिंगलेनसाना ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘इसने हमारे से सब कुछ छीन लिया, हमने जो भी कमाया था, हमारे पास जो भी था.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने खबर सुनी कि हमारा घर जला दिया गया है और इसके बाद चुराचांदपुर में मैंने जो फुटबॉल टर्फ बनायी थी उसे जला दिया गया. यह दिल तोड़ने वाला था. मैंने युवा खिलाड़ियों को मंच मुहैया कराने का बड़ा सपना देखा था लेकिन यह छीन लिया गया. भाग्य से मेरा परिवार हिंसा से बच गया और उन्हें राहत केंद्र में रखा गया.’
मां रो रही थीं और पीछे से गोलियों की आवाज आ रही थी
चिंगलेनसाना सिंह हिंसा की खबरें सामने आने के बाद काफी चिंतित थे. उन्होंने तुरंत अपनी फैमिली को फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. चिंगलेनसाना को जल्द ही पता चल गया कि राज्य में 3 मई को शुरू हुई हिंसा में वह अपना घर खो चुके हैं. थोड़ी देर की कोशिश के बाद चिंगलेनसाना अंततः अपनी मां से संपर्क करने में कामयाब रहे. उनकी मां रो रही थीं और पीछे से गोलियों की आवाज भी आ रही थी. ऐसे में उन्होंने तुरंत परिवार से मिलने के लिए मणिपुर जाने का फैसला किया.
वह अब और देर नहीं कर सकता था क्योंकि तब तक हिंसा ने उनका घर नष्ट कर दिया था, उनके गांव को तबाह कर दिया था और महत्वाकांक्षी फुटबॉलरों के सपनों को पंख देने की उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया था. केवल उनका परिवार ही जीवित था. अपने परिवार के साथ रहते हुए राहत महसूस कर रहे चिंगलेनसाना अब बेहद परेशान करने वाले अनुभव से उबरने और नए सिरे से शुरुआत करने के तरीकों के बारे में सोच रहे हैं.
चिंगलेनसाना ने 2021 में किया था डेब्यू
27 साल के चिंगलेनसाना ने भारतीय फुटबॉल टीम के लिए 11 मुकाबले खेले हैं. चिंगलेनसाना एक डिफेंडर हैं और वह सेंटर बैक पोजीशन पर खेलते हैं. चिंगलेनसा ने 25 मार्च 2021 को मालदीव के खिलाफ मुकाबले से अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था. उनका डेब्यू मैच 1-1 से ड्रॉ रहा था.
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