टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी आत्महत्या करना चाहते थे. उन्होंने तीन बार आत्महत्या के लिए सोचा भी था. मोहम्मद शमी ने रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के साथ इंस्टाग्राम लाइव चैट (Instagram Live Chat) के दौरान यह बाते शेयर कीं. अपने जीवन के सबसे दर्द भरे दिन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जब वो 2015 विश्व कप में चोटिल हो गये थे, तब उन्हें टीम में वापसी करने में 18 महीने का समय लगा था. वापसी करने में और वह अपने जीवन के सबसे मुश्किल दौर में थे. उन्होंने कहा कि आप जानते हैं पारिवारिक समस्याएं के बीच रिहैब कितना मुश्किल होता है.
हर समय परिवार का एक सदस्य साथ होता था
उन्हहोंने कहा कि यह सब चल ही रहा था कि, इन सबके बीच आईपीएल से 10-12 दिन पहले मेरा एक्सीडेंट हो गया था. इधर मीडिया मेरी पर्सनल लाइफ को लेकर बहुत कुछ चल रहा था. मोहम्मद समी ने कहा कि परिवार द्वारा मिली हिम्मत से वो फिर से वापसी कर पायें. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें परिवार का साथ नहीं मिलता तो वे क्रिकेट छोड़ देते. उन्होंने बताया कि मैं इतना डिप्रेसन में कि मेरी हालत को समझते हुए मेरे परिवार में से किसी को मेरे पर नजर रखने के लिए मेरे पास बैठना होता था. मेरा घर 24वें माले पर था और हमेशा उन्हे डर सताता था कि कहीं मैं अपार्टमेंट से कूद न जाऊं.
Also Read: इस विकेट कीपर बल्लेबाज ने की धौनी की तारीफ, कहा- वो किसी भी समस्या का पूर्ण समाधान करने के लिए करते हैं प्रोत्साहित
पत्नी ने लगाये घरेलू हिंसा के आरोप
इसके बाद शमी ने बताया कि जब मैं दोबारा मैदान में उतरा तब मेरे निजी जीवन में उतार चढ़ाव शुरु हो गये. वर्ष 2018 में मोहम्मद शमी की पत्नी ने उन पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की थी. पर इस समय भी परिवार उनके साथ खड़ा रहा, जिसके कारण वो इन चुनौतियों से लड़ पाये.
मेरा परिवार सबसे बड़ी शक्ति है
शमी बताते हैं कि उनके परिवार वाले उनसे अक्सर कहते थे, कि हर समस्या का समाधान होता है और सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दूं. वो कहते थे, जिस चीज में तुम अच्छे हो उसमें खो जाओ. इसलिए मैंने सबकुछ खो दिया. मैं नेट्स में गेंदबाजी कर रहा था. मैं रनिंग एक्सरसाइज कर रहा था. मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कर रहा था. मैं दबाव में था. उन्होंने कहा कि अभ्यास के समय में मैं दुखी हो जाता था और मेरा परिवार मुझसे कहता था कि फोकस रहो. मेरा भाई मेरे साथ था. अगर मेरा परिवार मेरे साथ नहीं होता तो मैं कोई बुरा कदम उठा चुका होता. लेकिन मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं कि वे मेरे साथ थे.