डीसी ने बनायी जांच कमेटी
महिला ने इस घटना में शामिल स्वास्थ्य सहिया व कर्मियों का नाम बताया है. इस आधार पर पुलिस कई स्वास्थ्य सहिया व कर्मी को पकड़कर थाना ले आयी. उन लोगों से पूछताछ की जा रही है. साथ ही बच्चे की छानबीन की जा रही है. बच्चे की बरामदगी को लेकर सदर अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाला जा रहा है. महिला दीभा मोहल्ले के दिलीप चौधरी की पत्नी आशा देवी है. मामले को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है. उपायुक्त ने जांच कमेटी बनायी है. आरोपी महिला के पहले से तीन बच्चे हैं. दो पुत्र व एक पुत्री शामिल है. ये उसकी चौथी संतान है. कुछ स्वास्थ्य कर्मियों की मिलीभगत से उसे बेच दिया गया.
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तीन से चार लाख में हुई थी डील
घर के अन्य सदस्यों ने मामले की जानकारी वार्ड पार्षद मनोज प्रधान को दी. वार्ड पार्षद ने इसकी सूचना सदर पुलिस को दी. लोगों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. प्रसव के 24 घंटे बाद ही छुट्टी दी जाती है, लेकिन आठ घंटे में ही जच्चा-बच्चा दोनों अस्पताल से गायब हो गये, जबकि अस्पताल में सुरक्षा गार्ड तैनात हैं. जानकारी के अनुसार बच्चा को तीन से चार लाख रुपये में बेचने की बात हुई थी, लेकिन एक लाख रुपये नकद दिया गया था और शेष राशि बाद में देने की बात कही गयी थी. नवजात के बेचे जाने की चर्चा दिनभर शहर में होती रही. घटना की कई लोगों ने निंदा की. लोगों ने कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की. सदर थाना प्रभारी मनोहर करमाली ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. बच्चे की बरामदगी को लेकर कुछ स्वास्थ्य कर्मियों से पूछताछ की जा रही है. बहुत जल्द नवजात को बरामद कर लिया जायेगा.
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अस्पताल से भाग गयी थी महिला
सिविल सर्जन डॉ. श्यामनंदन सिंह ने कहा कि घटना की सूचना पुलिस को दी गयी है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. पुलिस की जांच में हर तरह का सहयोग अस्पताल प्रबंधन कर रहा है. प्रसव के बाद महिला को छुट्टी नहीं दी गयी थी, बल्कि वह भाग गयी थी.