बीरभूम, मुकेश तिवारी: आगामी पंचायत चुनाव को लेकर बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस पार्टी नेताओं के साथ आज ममता बनर्जी बैठक करने वाली है. यह बैठक कालीघाट में टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी के आवास पर होनी है, लेकिन बैठक से पहले ही ममता दीदी को जोर का झटका लगा है. दरअसल, जिला के नलहाटी ब्लॉक के टीएमसी अध्यक्ष मृगांक मंडल ने पार्टी छोड़ दी है.
पार्टी में मची खलबली
बताया जा रहा है कि पंचायत चुनाव से पहले बीरभूम में किसी भी चुनाव में पार्टी की जिम्मेदारी अब तक तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल के कंधों पर रही है, लेकिन अब वे गौ-तस्करी मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं. ऐसे में ममता बनर्जी ने खुद बीरभूम जिले की संगठनात्मक जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है. इसी जिम्मेदारी के तहत ममता बनर्जी आज कालीघाट में बीरभूम जिले के प्रखंड से लेकर जिला के सभी स्तरों के 250 से अधिक नेताओं के साथ बैठक करेंगी, लेकिन उससे पहले मृगांक मंडल ने पार्टी से नाता तोड़ दिया. मृगांक मंडल के टीएमसी से नाता तोड़ने के बाद पार्टी में खलबली मच गई है.
मृगांक मंडल के पार्टी छोड़ने वजह
नलहाटी के टीएमसी अध्यक्ष मृगांक मंडल के पार्टी छोड़ने की वजह पार्टी के ही स्थानीय विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह बताए जा रहे हैं. विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह से नाराज होकर नलहाटी टीएमसी अध्यक्ष मृगांक मंडल ने पार्टी को छोड़ने का फैसला कर लिया. मालूम हो कि मृगांक मंडल नलहाटी प्रखंड संख्या एक के बाउटिया क्षेत्र के अध्यक्ष थे.
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क्या है पूरा मामला
दरअसल, दो महीने पहले मृगांक मंडल का बेटा बीमार पड़ गया था. समस्या यहीं से शुरू हो गई थी. उस वक्त मृगांक पारिवारिक दिक्कतों का हवाला देकर पद से हटना चाहते थे. इस संबंध में उन्होंने नलहाटी के विधायक को पत्र भी भेजा था. मृगांक मंडल के मुताबिक उस वक्त विधायक ने पार्टी के वॉट्सऐप ग्रुप में कहा था कि 2021 में मृगांक को हटा दिया गया है. मृगांक को यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगा. इसके बाद उन्होंने पार्टी से नाता तोड़ने का फैसला किया और कालीघाट बैठक से ठीक पहले मृगांक ने पार्टी छोड़ दी.
क्या कहते हैं मृगांक मंडल
इस संबंध में तृणमूल के पूर्व नेता मृगांक मंडल ने कहा कि ‘पारिवारिक समस्याओं के कारण मैंने पार्टी से ब्रेक मांगा था, लेकिन मेरा मजाक उड़ाया गया. विधानसभा चुनाव में बाउटिया क्षेत्र पिछड़ गया था. यह कहा गया है कि मुझे उस कारण से अक्षम कर दिया गया है, लेकिन लोकसभा में विधायक और उनके भाई की सीटों का प्रदर्शन भी अच्छा नहीं रहा. फिर उसे निष्क्रिय क्यों नहीं किया गया?’
विधायक ने बताया पार्टी का फैसला
वहीं इस संबंध में विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि पार्टी के फैसले पर कदम उठाया गया है. जबकि बीजेपी की जिला कमेटी के सदस्य बिप्लब ओझा ने कहा कि विधायक और उनके भाई का सिंडिकेट पूरे नलहाटी पर राज कर रहा है. इसलिए कर्मियों का दम घुट रहा है. इसके कारण ही जिले में तृणमूल कांग्रेस पार्टी में टूट शुरू हो गई है.
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