मेष राशि के जातकों को मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए.
मंत्र: ह्लीं दुं दुर्गायै नमः मंत्र की 11 माला एवं ओम् ऐं सरस्वत्यै नमः मंत्र का एक माला जप करना चाहिए.
वृष राशि के जातकों को मां काली की उपासना करनी चाहिए.
मंत्र: दुर्गापूजा के अवसर पर प्रतिदिन क्रीं ह्लीं क्लीं अथवा ऊँ क्रीं काल्यै नमः अथवा क्रां क्रीं क्रूं कालिका देव्यै नमः मंत्र का यथाशक्ति जप करना चाहिए.
मिथुन राशि वालों को देवी तारा की उपासना करनी चाहिए.
मंत्र: स्फटिक की माला से ऊँ ह्लीं त्रीं हुं फट् मंत्र की 11 माला जप करना चाहिए.इसके साथ ही तारा कवच का पाठ करना चाहिए.
कर्क राशि के जातकों को मां कमला की उपासना करना चाहिए.
मंत्र: प्रतिदिन नमः कमल वासिन्यै स्वाहा मंत्र का 11 माला जप तथा श्रीसूक्त का पाठ करना चाहिए.
सिंह राशि के जातकों को मां बाला त्रिपुरा की उपासना करनी चाहिए.
मंत्र: ऐं क्लीं सौं मंत्र का 11 माला जप करना चाहिए. साथ ही, इन्हें नियमित भैरवी त्रैलोक्य विजय कवच का पाठ करना चाहिए.
कन्या राशि के जातकों को मां मांतगी की उपासना करना चाहिए.
मंत्र: हें ऊँ ह्लीं क्लीं हूँ मातंग्यै फट् स्वाहा मंत्र की 11 माला जप करना चाहिए. साथ ही मांतगी सहस्रनाम जप करें.
तुला राशि वालों को दुर्गा पूजा के अवसर पर माता महाकाली की आराधना करें.
मंत्र: क्रीं हूं ह्लीं मंत्र का प्रतिदिन 21 माला जप करना चाहिए. काली कवच का नियमित पाठ करना चाहिए.
वृश्चिक राशि वाले जातकों को मां दुर्गा की उपासना करनी चाहिए.
मंत्र: ऊँ ह्लीं दुं दुर्गायै नमः मंत्र का 11 माला जप करना चाहिए.
धनु राशि वाले जातकों को इस दुर्गा पूजा के अवसर पर मां बगलामुखी की उपासना करनी चाहिए.
मंत्र: श्रीं ह्लीं ऐं भगवती बगले श्रियं देहि देहि स्वाहा मंत्र का 5 माला और ऐं ह्लीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे मंत्र का एक माला जप करना चाहिए.
मकर राशि वाले जातकों को मां षोड़शी की आराधना करनी चाहिए.
मंत्र: हें श्री मंत्र का 51 माला तथा ऊँ पां पार्वती देव्यै नमः मंत्र का यथा शक्ति जप करना चाहिए.
कुंभ राशि के जातकों को मां भुवनेश्वरी की उपासना करनी चाहिए.
मंत्र: ऐं ह्लीं श्रीं मंत्र का 21 माला का जप करना चाहिए. श्री दुर्गा सप्तशती से कवच, अर्गला, कीलक तथा श्रीदेव्यथर्वशीरष एवं सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करना चाहिए.
मीन राशि के जातकों के लिए मां बगलामुखी की उपासना करना श्रेष्ठ रहता है.
मंत्र: हें श्रीं ह्लीं ऐं भगवती बगले श्रियं देहि देहि स्वाहा मंत्र की 11 माला एवं मोती की माला से ऊँ ह्लीं श्रीं दुर्गा देव्यै नमः मंत्र का अधिकाधिक जप करना चाहिए.
ज्योतिष डॉ.एन.के.बेरा के बतायें अनुसार
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