आगरा: चामुंडा देवी मंदिर के कारण ब्रिटिश सरकार को रेलवे ट्रैक में करना पड़ा था बदलाव, 350 साल पुराना है इतिहास

मंदिर के महंत बताते हैं कि उस समय अंग्रेज कमांडर घोड़े पर सवार होकर इस मंदिर को ध्वस्त कराने के लिए पहुंचा था. माता के चमत्कार से घोड़ा गिर गया और उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया. अगले दिन देवी मां कमांडर के सपने में आईं और चेतावनी दी कि अगर मंदिर के साथ कुछ छेड़छाड़ हुई तो अंजाम बुरा होगा

By Sanjay Singh | October 17, 2023 11:15 AM
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Agra News: नवरात्रि पर देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. सुबह से ही लोग मंदिरों में दर्शन पूजन को पहुंच रहे हैं. प्राचीन मंदिरों में सुबह से लेकर देर रात तक लोगों की कतार नजर आ रही है. ताजनगरी आगरा जनपद में राजा की मंडी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर मां चामुंडा देवी का अद्भुत और चमत्कारी मंदिर इन्हीं में से एक है. इस मंदिर से कई चमत्कारी घटनाएं और कहानी जुड़ी हुई है. कहा जाता है यह मंदिर 350 साल से भी अधिक पुराना है. इस मंदिर के चमत्कार के आगे अंग्रेजों ने भी अपने घुटने टेक दिए थे. एक किवदंती जो आज तक लोगों की जुबान पर चढ़ी हुई है, वह ये है कि जिस समय देश में अंग्रेजों का नामो निशान नहीं था, तब से यह मंदिर मौजूद है. कहा जाता है कि जब देश में अंग्रेज आए तो उन्होंने मंदिर को तोड़कर यहां से रेलवे लाइन बिछाना चाही. लेकिन, वह सफल नहीं हो पाए और हार मानकर रेलवे ट्रैक को मंदिर से बचाते हुए घुमाव देना पड़ा, जो आज भी मौजूद है.

मंदिर के महंत वीरेंद्रानंद बताते हैं कि उस समय अंग्रेज अधिकारियों ने मंदिर को तोड़ने की कई बार कोशिश की. वे यहां से गुजरने वाली ट्रेन को बिल्कुल सीधा ले जाना चाहते थे. लेकिन, मंदिर आड़े आ रहा था. इसकी वजह से अंग्रेज अधिकारी इस मंदिर को तोड़ना चाहते थे. मंदिर के महंत बताते हैं कि उस समय अंग्रेज कमांडर घोड़े पर सवार होकर इस मंदिर को ध्वस्त कराने के लिए पहुंचा था. माता के चमत्कार से घोड़ा गिर गया और उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया. अगले दिन देवी मां कमांडर के सपने में आईं और चेतावनी दी कि अगर मंदिर के साथ कुछ छेड़छाड़ हुई तो अंजाम बुरा होगा

उसके बाद अंग्रेजों ने अपना इरादा बदल दिया. आखिरकार अंग्रेज अधिकारियों को ट्रेन की पटरियों को घुमाना पड़ा, जो आज भी उसी शक्ल में मौजूद है. यहां चामुंडा देवी का मंदिर प्लेटफार्म नंबर एक पर है. मंदिर के सामने केवल दो फीट की ही जगह है जहां से केवल पैदल यात्री निकल सकते हैं. मां चामुंडा देवी का मंदिर प्लेटफार्म नंबर एक राजा की मंडी पर मौजूद है. यहां रेलवे ट्रैक बेहद घुमावदार है, जिसकी वजह से दिल्ली की तरफ से आने वाली ट्रेन को धीमी रफ्तार से गुजरना पड़ता है.

रेलवे ने कुछ महीने पहले इस मंदिर का आगे का हिस्सा तोड़ने का नोटिस चिपकाया था. इसे लेकर सनातन धर्म से जुड़े लोगों ने विरोध किया. इसे माता का चमत्कार ही कहिए कि रेलवे की कोशिश किए जाने के बावजूद भी मंदिर का कोई हिस्सा नहीं तोड़ा गया और रेलवे ने अपना फैसला बदल दिया.

मंदिर के महंत वीरेंद्रानंद बताते हैं कि जब रेलवे मंदिर को तोड़ने की बात कर रहा था. तब समाचारों के जरिए इसकी जानकारी सुनकर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से चार लोगों की टीम यहां पहुंची. इनमें एक आर्मी का अधिकारी भी शामिल था. बताया जाता है कि ये सभी मंदिर में मां शक्ति स्वरुप चामुंडा देवी का चमत्कार देखने के लिए अपने साथ एनर्जी मापने का यंत्र लेकर आये थे. जैसे ही ये चारों लोग मंदिर परिसर में दाखिल हुए उनका एनर्जी मापने वाला यंत्र वाइब्रेट करने लगा और उन्हें पॉजिटिव एनर्जी के संकेत मिले. जब तक वह मंदिर के करीब रहे उनका यंत्र वाइब्रेट करता रहा. जिससे वह माता के चमत्कार से और अधिक प्रभावित हुए.

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