अक्टूबर और नवंबर के महीनों को ओडिशा में ‘चक्रवात काल’ माना जाता है. ऐसे में राज्य सरकार ने संभावित आपदा से निपटने के लिए तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं. एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि मुख्य सचिव पीके जेना ने यहां एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारियों और विभिन्न विभागों के सचिवों को 10 अक्टूबर से 45 दिन के लिए सतर्क रहने का निर्देश दिया. भुवनेश्वर क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एचआर बिस्वास ने बैठक के दौरान राज्य सरकार को सूचित किया कि 10 अक्टूबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून के लौट जाने की संभावना है. मानसून की वापसी के बाद 45 दिन के भीतर राज्य में बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के लिए मौसम के प्रतिकूल परिस्थितियां बनती हैं. बिस्वास ने राज्य सरकार से कहा कि राज्य को 10 अक्टूबर के बाद 45 दिन तक सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि अतीत में अधिकतर चक्रवात इसी अवधि में बने हैं.
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