शिक्षक भर्ती घोटाला : छापे में मिले करोड़ों कैश किसके? पार्थ चटर्जी का भी इनकार

इडी अधिकारी पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को चिकित्सीय जांच के लिए सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय से जोका इएसआइ अस्पताल ले गये थे. अस्पताल के बाहर मौजूद संवाददाताओं ने जब पूर्व मंत्री से इडी की छापेमारी में बरामद हुई करोड़ों की राशि के बारे में पूछा

By Prabhat Khabar News Desk | August 1, 2022 10:45 AM
an image

पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के जरिये स्कूलों में हुई नियुक्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा गिरफ्तार पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस के सभी पदों से हटाये जा चुके हैं. उन्हें राज्य मंत्रिमंडल से भी बाहर कर दिया गया है. उन्होंने रविवार को यह दावा किया कि इडी की छापेमारी के दौरान अर्पिता मुखर्जी के फ्लैटों से बरामद करोड़ों की नकदी उनकी नहीं है. साथ ही यह भी कहा कि आनेवाला समय बतायेगा कि कौन उनके खिलाफ साजिश कर रहा है. बता दें कि इडी की पूछताछ में अर्पिता ने दावा किया था कि उनके ठिकानों से बरामद करोड़ों की नकदी से उनका कोई लेनादेना नहीं है. बरामद सारा कैश पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी का ही है. हालांकि, अर्पिता के उक्त बयान की सत्यता की पुष्टि नहीं हुई है. इडी जांच कर रही है. इधर, पार्थ एवं अर्पिता के इंकार करने के बाद इडी के समक्ष यह बड़ा सवाल है कि आखिर छापेमारी में बरामद करोड़ी की नकदी और सोना का मालिक कौन है?

Also Read: ‘SSC Scam के बारे में सीएम ममता बनर्जी को कुछ भी पता नहीं था’, सौगत रॉय ने कही ये बात

रविवार को इडी अधिकारी पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को चिकित्सीय जांच के लिए सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय से जोका इएसआइ अस्पताल ले गये थे. अस्पताल के बाहर मौजूद संवाददाताओं ने जब पूर्व मंत्री से इडी की छापेमारी में बरामद हुई करोड़ों की राशि के बारे में पूछा, तो पार्थ ने तीन बार एक ही वाक्य दोहराया, “रुपये मेरे नहीं हैं, रुपये मेरे नहीं हैं, रुपये मेरे नहीं हैं. समय ही बतायेगा कि कौन उनके खिलाफ साजिश कर रहा है.”

साजिश का शिकार हुआ हूं

इससे पहले, शुक्रवार को पूर्व मंत्री ने दावा किया था कि वह साजिश के शिकार हुए हैं और तृणमूल कांग्रेस द्वारा उन्हें निलंबित करने के फैसले पर नाखुशी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था,“ मुझे निलंबित करने का यह फैसला निष्पक्ष जांच को प्रभावित कर सकता है.” हालांकि, उन्होंने खुद को मंत्रालय से हटाये जाने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फैसले को सही ठहराया था. उनके इस दावे के बाद तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा था कि पार्थ खुद ही अपने को निर्दोष साबित करें. सवाल यह है कि गिरफ्तारी के बाद पिछले कुछ दिनों से वह (पार्थ) चुप क्यों थे? उन्हें अपनी बेगुनाही साबित करने का पूरा अधिकार है. इस घोटाले से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है और न ही अर्पिता के ठिकानों से बरामद हुए रुपये से.

सीबीआइ शिक्षक भर्ती में कथित अनियमितताओं की कर रही है जांच

गौरतलब है कि कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआइ शिक्षक भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है. वहीं, इडी को इस मामले में धनशोधन पहलू की जांच की जिम्मेदारी मिली है. मामले की जांच के तहत इडी अब तक 17 जगहों पर छापेमारी कर चुकी है. इस कार्रवाई में करीब 50 करोड़ की नकदी, पांच करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य का सोना व अन्य सामान जब्त किया जा चुका है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version