Pitru Paksha 2023: देश भर में इन जगहों पर भी होता है पितरों को पिंड दान, होगी मोक्ष की प्राप्ति

Pitru Paksha 2023: इस साल 29 सितंबर से पितृ पक्ष की शुरुआत हो गई है. पितृ पक्ष 15 दिन तक चलते हैं. इस दौरान पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है. बोधगया के अलावा भी कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं जहां पिंडदान किया जाता है.

By Shaurya Punj | September 16, 2023 7:04 AM
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वाराणसी

वाराणसी भारत की सबसे पवित्र नदियों के किनारे स्थित है, इस शहर को भारत के सबसे टॉप तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है.इस जगह पर हर दिन लाखों भक्त भगवान शिव के दर्शन करने और अंतिम संस्कार करने के लिए यहां आते हैं.गंगा घाट पर पिंड दान समारोह आयोजित करने की प्रथा है, जहां स्थानीय ब्राह्मण पंडित अनुष्ठान शुरू करते हैं जिसमें मंत्र जप और फिर पिंड का प्रसाद होता है.

हरिद्वार
हरिद्वार बहुत ही पवित्र जगह है जहां गंगा नदी किनारे पितरों का तर्पण किया जाता है. हरिद्वार में कई विद्वान मिल जाएंगे जो पितरों की मोक्ष प्राप्ति की पूजा विधिपूर्वक करवा देंगे. पिंडदान के बाद आप गंगा किनारे आरती और मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं.

उज्जैन
उज्जैन, मध्य प्रदेश में स्थित है. आप यहां भी पिंडदान के लिए जा सकते हैं. यहां पिंडदान करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है. इसके अलावा यहां आप ओंकारेश्वर, भोपाल और बसवारा जैसी जगहों पर घूमने के लिए जा सकते हैं.

मथुरा
मथुरा भारत का एक बेहद ही पवित्र धार्मिक स्थल माना जाता है.मथुरा शहर भगवान श्री कृष्ण नगरी के नाम से भी जाना जाता है.यह फेमस शहर यमुना नदी के किनारे बसा हुआ है.पौराणिक कथा के अनुसार मथुरा में यमुना नदी के किनारे जो भी पूर्वजों के लिए पिंड दान करता है, उनको मोक्ष मिलता है और आत्मा स्वर्ग पहुंचती है.

द्वारका
द्वारका भारत का एक बेहद ही महत्वपूर्ण और पवित्र स्थान माना जाता है.द्वारका भारत का चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है.द्वारका भगवान कृष्ण की भूमि और द्वारकाधीश मंदिर के लिए भी काफी फेमस माना जाता है.

सन्निहित सरोवर, कुरुक्षेत्र

सन्निहित सरोवर उत्तर भारत में हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के थानेसर में स्थित है और झील को सात पवित्र नदियों के संगम का स्थान माना जाता है.भक्त दिवंगत के पिंडदान समारोह के लिए यहां पहुंचते हैं और पानी में डुबकी लगाते हैं और मंत्रों का जाप करते हैं.यही नहीं पूर्वजों की आत्मा और उनके नाम के चावल की बॉल्स बनाकर उन्हें अर्पित करते हैं.

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