शुरुआत में ड्रोन के माध्यम से सरकारी कर्मियों को दवा जैसी जरूरी जीचें पहुंचाने की योजना है. धनबाद डिवीजन के धनबाद और बोकारो जिला में विभाग ने इस बाबत जिला प्रशासन को एक पत्र लिखा है. पायलट परियोजना के तहत विशेष तौर पर ड्रोन से एक स्थान से दूसरे स्थान पर डाक पहुंचाने में आने वाली लागत का अध्ययन किया जायेगा. इस दौरान डाक पहुंचाने के कार्य में संलग्न कर्मचारियों के बीच समन्वय को भी परखा जायेगा. अगर वाणिज्यिक रूप से प्रयोग सफल रहा, तो डाक पार्सल सेवा और तेज गति से कार्य करेगी.
पहाड़ी इलाकों में बसे गांवों पर विशेष ध्यान
पहले चरण की सफलता के बाद सघन पहाड़ी इलाकाें, जहां डाक कर्मी नहीं पहुंच पाते हैं, में पार्सल तथा अन्य जरूरी वस्तुएं ड्रोन से पहुंचायी जायेंगी. दोनों जिलों में कई ऐसे सुदूरवर्ती स्थान हैं, जहां डाककर्मी समय पर नहीं पहुंच पाते हैं अथवा उनकी उपस्थिति ही दर्ज नहीं हो पाती है. अगर यहां सेवा शुरू होती है, तो बड़ी आबादी को इसका लाभ मिलेगा.
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जिन सुदूरवर्ती इलाकों में डाककर्मी नहीं पहुंच पाते, वहां सेवा शुरू की जायेगी. पहले चरण में सरकारी कर्मियों को दवा जैसी जरूरी वस्तुएं पहुंचाने की योजना है. धनबाद-बोकारो में ड्रोन सेवा शुरू करने पर कार्य चल रहा है. अभी सर्वे किया जा रहा है. जिस स्थान पर डाकिया नहीं पहुंच पाते हैं, वहां ड्रोन से पार्सल की डिलीवरी करने की योजना है. विभाग तैयारी में जुटा है.
रिपोर्ट : उमेश तिवारी