समय की हुई बचत
भाऊपुर से कानपुर सेंट्रल को आने वाली ट्रेनों को ट्रैक खाली न होने के कारण सिग्नल मिलने में देरी होती थी. जिसके कारण करीब 12 किमी का सफर तय करने में 1 से सवा घण्टे का समय लग जाता था. लेकिन मालगाड़ियों को डीएफसी में शिफ्ट हो जाने के बाद से 30 से 45 मिनट इस सफर को तय करने में लग रहा है. वहीं एक महीने में जब 100 मालगाड़ियों को डीएफसी में शिफ्ट कर दिया जाएगा तो ये सफर आने वाले दिनों में लगभग 20 से 25 मिनट का होगा.
यार्ड खाली होने से मिलने लगे सिग्नल
बताते चले कि पहले भाऊपुर से मालगाड़ियां मेन लाइन पर आकर वह जीएमसी यार्ड आती थी और वहां से प्रयागराज रुट पर आती और जाती थी. लेकिन,अब डीएफसी पर मालगाड़ियों के शिफ्ट हो जाने से जीएमसी ट्रैक पर मालगाड़ी कम हो जाएगी, इससे यात्री ट्रेनों को सिंग्नल आसानी से मिलने लगे हैं.
दिल्ली हावड़ा रुट पर इतनी ट्रेन
कानपुर से दिल्ली हावड़ा रुट पर 100 मालगाडियां प्रतिदिन चलती है. इसी तरह से लखनऊ जाने वाली और झांसी व अनवरगंज से आने जाने वाली 45 मालगाडिय़ों का संचालन प्रतिदिन होता है.वहीं करीब कानपुर सेंट्रल से 216 यात्री ट्रेनों का संचालन होता है. ऐसे में इस रूट पर करीब 475 गाड़ियों का आवागमन नियमित होता है.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी
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