22 जनवरी के आसपास जा रहे हैं अयोध्या घूमने तो तुरंत कर दें कैंसिल, वरना पूरी जिंदगी पड़ेगा पछताना, जानें कारण

Ayodhya Ram Mandir: अगर आप 22 जनवरी के आसपास अयोध्या जाने का प्लान बना रहे हैं तो तुरंत कैंसिल कर दें. आइए जानते हैं क्यों.

By Shweta Pandey | January 17, 2024 5:06 PM
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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. जिसकी तैयारियां भी तेजी से हो रही है. इस पल का इंतजार सभी को बेसब्री से है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में वीआईपी से लेकर वीवीआईपी तक शामिल होंगे. अगर आप 22 जनवरी के आसपास अयोध्या जाने का प्लान बना रहे हैं तो तुरंत कैंसिल कर दें. वरना आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं विस्तार से.

रहेगी लोगों की भारी भीड़

अगर आप 22 जनवरी या इसके आसपास अयोध्या जाने का प्लान बना रहे हैं तो अभी कैंसिल कर दें, क्योंकि इस दौरान यहां पर लोगों की काफी भीड़ रहेगी. जिससे आप भगवान राम के दर्शन भी अच्छे से नहीं कर पाएंगे.

अगर आप भी 22 जनवरी के आसपास अयोध्या जाने का प्लान बना रहे हैं तो जाने से बचें, क्योंकि इस दौरान भीड़ के चलते होटल्स एक भी खाली नहीं हैं साथ ही आपको होटल की बुकिंग में भी परेशानी हो सकती है.

गौरतलब है कि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. यहां पर 19 तारीख से लेकर 22 तारीख तक भूलकर भी घूमने के लिए न जाएं. क्योंकि इस दौरान आपको काफी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. अगर आप अयोध्या जाने की सोच रहे हैं तो आपको बता दें 22 जनवरी के बाद आप कभी भी रामनगरी घूमने के लिए जा सकते हैं.

रामकथा पार्क

आप अगर कभी अयोध्या जाने का प्लान बना रहे हैं तो रामकथा पार्क जाना न भूलें. यह बेहद सुंदर और शांत जगह है. इस पार्क में सुबह लोग टहलने के लिए आते हैं.

अयोध्या में स्थापित राम मंदिर को देखने देश-विदेश से लोग आते हैं. यह मंदिर भगवान राम के जन्मस्थल के रूप में प्रसिद्ध है और एक धार्मिक स्थल के रूप में माना जाता है. इसके निर्माण का काम विश्व के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है. मंदिर के भवन का शैली स्थानीय संस्कृति के अनुसार बनाया गया है.

कनक भवन जरूर घूमने के लिए जाएं. इस मंदिर के मूर्तियां स्वर्णिम चित्रकारी से सजायी गई हैं. इस मंदिर में भगवान राम और सीता जी की मूर्तियां स्थापित हैं.

तुलसी स्मारक भवन तुलसीदास को समर्पित है जो ‘रामचरितमानस’ के लेखक हैं. यह भवन उस जगह पर स्थित है जहां तुलसीदास जी का निवास हुआ करता था. यहीं से उन्होंने ‘रामचरितमानस’ लिखने का कार्य किया था. इस भवन में तुलसीदास जी की मूर्ति और स्मारक स्थापित हैं.

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