रामनवमी के मौके पर मंदिर के बाहर से भीतर तक श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्दे नजर प्रशासन द्वारा पुलिस बल भी तैनात किया गया है. साथ ही दारागंज जाने के मार्ग को भी सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया है. वहीं, मनोकामना की पूर्ति के लिए मंदिर में दर्शन पूजन चलता रहा. लाइन में घंटों बिताने के बाद श्रद्धालुओं ने माता के पालने के दर्शन किए. इस दौरान मंदिर में माता के जयकारे गूंजते रहे. वहीं, मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं द्वारा हवन पूजन भी किया गया.
चने और हलवे के प्रसाद का किया गया वितरण
राम नवमी के पावन पर्व पर आलोक शंकरी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बाहर तमाम लोगों द्वारा भंडारे का भी आयोजन किया गया था. भंडारे में श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में हलवा पूरी और चने का वितरण किया गया. इसके साथ ही तमाम श्रद्धालुओं ने इस मौके पर मंदिर में आई कन्याओं का भी पूजन किया.
51 शक्ति पीठों में शामिल संगम स्थित अलोप शंकरी मंदिर में मां के पालने की पूजा की जाती है. मान्यता है की यह माता शती के दाहिने हाथ का पंजा गिरकर अदृश्य (अलोप) हो जाने के कारण ही मंदिर का नाम अलोप शंकरी पड़ा. माता सती यह पालने में विराजमान है. नवरात्रि के साथ ही यह हमेशा दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का ताता लगा रहता है. मान्यता है कि सुहागन महिलाएं सुहाग की चीज चढ़ा कर पति के लिए लंबी उम्र की कामना से भी यह आती है.