चार विधानसभा उपचुनाव में यूपीए ने मारी बाजी
बता दें कि बेरमो, मधुपुर, मांडर एवं दुमका विधानसभा उपचुनाव में परिवार के सदस्य को ही जीत हासिल हुई है. मतदाताओं ने इनके पक्ष में सहानुभूति दिखायी है और प्रत्याशियों को जीत दिलायी है. इसें बेरमो में पूर्व विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह के पुत्र जयमंगल सिंह, मधुपुर में हाजी हुसैन अंसारी के पुत्र हफीजुल हसन अंसारी, मांडर में पूर्व विधायक बंधु तिर्की की पुत्री शिल्पी नेहा तिर्की को जीत मिली. जबकि दुमका में मुख्यमंत्री के छोटे भाई बसंत सोरेन पर मतदाताओं ने भरोसा जताया.
सुनीता चौधरी, बजरंग महतो समेत 18 प्रत्याशी हैं चुनावी मैदान में
रामगढ़ में भी पूर्व विधायक ममता देवी के जेल जाने के बाद इनके पति बजरंग महतो चुनाव लड़ रहे हैं. अब देखना यह है कि यहां भी जनता इनके पक्ष में सहानुभूति दिखायेगी या एनडीए इस सिलसिले को तोड़ पायेगी. हालांकि, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो सहित तीन बार विधायक रहे और वर्तमान गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी यहां के प्रत्याशी सुनीता चौधरी को जीताने के लिए एड़ी-चोटी एक किये हुए है और नयी रणनीति बनायी है. साथ ही यूपीए प्रत्याशी को घेरने में लगे हुए है.
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यूपीए-एनडीए प्रत्याशी के बीच टक्कर
बता दें कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में यूपीए प्रत्याशी ममता देवी को 99,944, आजसू के उम्मीदवार सुनीता चौधरी को 71,226 एवं भाजपा के प्रत्याशी रणंजय कुमार उर्फ कुंटू बाबू को 31,874 मत हासिल हुए थे. लेकिन इस बार आजसू-भाजपा का गठबंधन है. एनडीए के लोगों का मानना है कि अगर आजसू और भाजपा के वोट को मिला दिया जाए, तो यूपीए प्रत्याशी से अधिक वोट हो जायेगा. जिस कारण इस बार एनडीए अपनी जीत के लिए आश्वसत नजर आ रहा है.