तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल के लिए ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत दी जाने वाली निधि को कथित तौर पर रोकने के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तीन जगहों पर अक्टूबर की शुरुआत में प्रदर्शन करने की मांग को लेकर दिल्ली पुलिस को फिर से नया पत्र लिखा है. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल के 50,000 मनरेगा श्रमिकों के लिए 30 सितंबर से 4 अक्टूबर तक राम लीला मैदान में रहने की व्यवस्था करने की अनुमति मांगी है. ताकि वहां से वह दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर सकें.
30 और 31 अगस्त के पत्रों का जिक्र करते हुए डेरेक ने लिखा कि पश्चिम बंगाल के मनरेगा (100 दिन की कार्य योजना) के कार्यकर्ता 30 सितंबर से 4 अक्टूबर तक दिल्ली के विभिन्न इलाकों में धरना देंगे. उस मौके पर तृणमूल रामलीला मैदान में करीब 50 हजार लोगों के रहने की व्यवस्था करना चाहती है. वहीं डेरेक ने पत्र में बताया कि इस संबंध में पिछले पत्र का कोई जवाब नहीं आया था.
21 जुलाई को पार्टी के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने तृणमूल के शहीद दिवस मंच से ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया था. उन्होंने घोषणा की कि वह 100 दिनों के काम के पैसे रोके जाने सहित केंद्रीय कमी की शिकायत करने के लिए 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर दिल्ली की सड़कों पर उतरेंगे. बाद में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही थी.
इससे पहले तृणमूल ने दिल्ली के रामलीला मैदान में धरना प्रदर्शन की योजना बनाई थी. लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें इजाजत नहीं दी. तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा 2 अक्टूबर को दिल्ली में धरना दिया जाएगा. यह हमारा कार्यक्रम था. उस कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए हमारी ओर से दिल्ली पुलिस को एक औपचारिक आवेदन सौंपा गया था. जहां कहा गया 2 अक्टूबर हमारा मुख्य कार्यक्रम है.
ओ ब्रायन ने पत्रों में दिल्ली पुलिस से तृणमूल कांग्रेस को दो और तीन अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक जंतर मंतर, कृषि भवन और मंत्री के आवास के बाहर धरना देने की अनुमति देने का अनुरोध किया है, जिसमें पश्चिम बंगाल राज्य के श्रमिक भी शामिल होंगे, जिन्हें मनरेगा योजना के तहत मजदूरी से कथित तौर पर वंचित कर दिया गया.
तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी ने अगस्त में दावा किया था कि दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के राम लीला मैदान में अक्टूबर में उनकी विरोध-प्रदर्शन रैली को अनुमति देने से इंकार कर दिया था. हालांकि दिल्ली पुलिस ने उस दौरान कहा था कि उन्हें 30 अगस्त को अनुरोध प्राप्त हुआ था जिस पर वह विचार करेंगे.