केंद्रीय कारागार में ही की गई है मंदिर की व्यवस्था
चैत्र नवरात्र की शुरुआत बुधवार से हो गई. ऐसे में आगरा के केंद्रीय कारागार भी भक्तिमय हो गई है. केंद्रीय कारागार में चैत्र नवरात्रों के प्रथम दिन करीब 905 कैदियों ने व्रत रखा है. जिसमें हिंदू कैदियों के साथ मुस्लिम कैदी भी शामिल है. मंदिर की व्यवस्था भी केंद्रीय कारागार में की गई है. जिससे सभी कैदी देवी माता की पूजा अर्चना श्रद्धा भाव से कर सकें. सुबह से ही मंदिर में घंटियों की और माता के जयकारों की आवाज गूंजने लगी. पूजा पाठ के बाद सुंदरकांड और उसके बाद भजन संध्या का आयोजन किया गया. हिंदू कैदियों के साथ जेल में मौजूद करीब 25 मुस्लिम कैदी भी तन मन से पूजा पाठ में जुटे हुए हैं.
रमजान में रोजे रखते हैं हिंदू और नवरात्रि में व्रत रखते हैं मुस्लिम
मंदिर में भजन करने वाले मुस्लिम बंदियों में पांच बंदी ऐसे भी थे, जिन्होंने नवरात्र पर व्रत रखा है. बंदी नौशाद ने बताया कि हिंदू और मुस्लिम जेल में एक साथ रहते हैं. अब सब एक परिवार का रूप हैं. ऐसे में वो हिंदू भाइयों के साथ मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं. भगवान और अल्लाह एक ही रूप हैं. ऐसे में उन्होंने भी नवरात्र पर व्रत रखा है. मंदिर में पूजा अर्चना की है. इसके अलावा उनके कई हिंदू भाई है, जो उनके साथ रमजान में रोजे रखते हैं. जेल में धर्म और जात के नाम पर कोई भिन्नता नहीं है. जेल में नवरात्र पर आयोजित भजन संध्या में बंदियों के साथ प्रभारी डीआईजी व जेल अधीक्षक राधाकृष्ण मिश्रा और डिप्टी जेलर आलोक सिंह भी मौजूद रहे और उन्होंने पूजा अर्चना की.
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नवरात्र में व्रत रखने वालों के लिए फलाहार की है व्यवस्था
जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में सभी धर्म के लोग मिल जुलकर रहते हैं. नवरात्र पर जेल में मुस्लिम बंदी भी भजन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि नवरात्र में व्रत रखने वालों के लिए फलाहार की अलग व्यवस्था की गई है. ऐसे बंदियों को दूध, फल व उबले हुए आलू के साथ फलाहार दिया जाएगा. इसी तरह रमजान में रोजे रखने वाले बंदियों के लिए दूध, खजूर की व्यवस्था है. जेल अधीक्षक ने बताया कि 24 मार्च से जेल में भव्य श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन भी किया गया है. इसमें दिल्ली के कथा वाचक मधुर महाराज कथा सुनाएंगे. इसके बाद 31 मार्च को सभी बंदियों के लिए भंडारे का आयोजन किया जाएगा. आयोजन का उद्देश्य बंदियों को भक्ति मार्ग के जरिए जीवन में बदलाव लाना है.