क्या है घटना ऑपरेशन कोविड जीरो (Operation Covid Zero) के तहत शिवपुर, हावड़ा, गोलाबाड़ी और मालीपांचघड़ा थाना के सभी इलाकों को सील किया गया है. दवाइयां भी होम डिलिवरी के तहत घरों में पहुंचाया जा रही है. पुलिस को खबर मिली कि रोज शाम को हावड़ा थाना अंतर्गत टिकियापाड़ा इलाके के बेलिलियस रोड पर काफी संख्या में लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं. मंगलवार शाम को भी ये सभी वहां सड़क किनारे अड्डा मार रहे थे.
इसी बीच हावड़ा थाना की पुलिस वहां पहुंची और लोगों को चेतावनी देते हुए घर जाने को कहा. यहीं से दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हुई. भीड़ जुटने लगी. इससे पहले पुलिस वाले कुछ समझ पाते, भीड़ ने एक एएसआइ के साथ मारपीट शुरू कर दिया. अपने साथी पर हमला होते देख पुलिस जीप में बैठे बाकी पुलिस वाले भी बाहर निकले. यहीं से स्थिति बिगड़ गयी. भीड़ ने पुलिस की जीप को क्षतिग्रस्त कर दिया. इसके बाद बाकी पुलिस वालों के साथ मारपीट शुरू कर दी. पुलिस को यहां से भागना पड़ा.
भीड़ का तांडव यहीं शांत नहीं हुआ. भीड़ टिकियापाड़ा फांड़ी पहुंची और वहां भी जम कर तांडव मचाते हुए पुलिस की एक गाड़ी को तोड़ दिया. करीब आधे घंटे बाद पुलिस भारी संख्या में वहां पहुंची. रैफ व काम्बैट फोर्स को भी उतारा गया. पूरे इलाके को पुलिस ने घेर लिया है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गयी है. बेलिलियस रोड पर लगे सभी सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है. खबर लिखे जाने तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
स्थिति नियंत्रण से बाहर, बंगाल में धारा 356 की परिस्थिति : दिलीप घोष
हावड़ा के टिकियापाड़ा में लॉकडाउन के दौरान पुलिस पर हमले को लेकर प्रदेश भाजपा ने राज्य सरकार पर कानून और स्वास्थ्य व्यवस्था को संभालने में असफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की व्यवस्था ममता सरकार के हाथों से बाहर निकल गयी है. पुलिस पर हमले हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में स्थिति पर नियंत्रण के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती हो तथा राज्य की स्थिति पूरी तरह से धारा 356 के अनुकूल है. राज्यपाल से लेकर अन्य कई लोग भी इस पर सहमति जता चुके हैं.
श्री घोष ने कहा कि टिकियापाड़ा की घटना तो केवल एक नमूना है. पुलिस को सारे देश में हीरो बनाया जा रहा है, वहीं बंगाल में डंडा मारा जा रहा है. ये वही लोग हैं, जिन्होंने सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान ट्रेन व बसों में आग लगायी थी, लेकिन उनके खिलाफ एक भी एफआइआर नहीं हुआ था. राज्य में कुछ लोगों के लिए कानून व्यवस्था अलग है. लॉकडाउन पालन नहीं करने वालों के सामने मुख्यमंत्री हाथ जोड़ कर कानून मानने की बात कह रही हैं. माफी मांग रही हैं. जो लोग घर में बंद हैं और लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं. उन्हें कुछ भी नहीं बोल रही हैं, क्योंकि इससे उनका वोट कट जायेगा.
उन्होंने कहा कि रैफ पर हमले हुए, लेकिन पुलिस चुप रही. कब तक उन लोगों को छूट देंगे? राज्य में आधे लोग लॉकडाउन नहीं मान रहे हैं. राज्य की स्थिति उनके हाथ से बाहर निकल गयी है. अब इसके लिए मंत्री को दायित्व दिया गया है. पहले मरीज को निगेटिव कहा गया फिर बाद में पॉजिटिव कहा गया.