उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी स्थित नागराकाटा विधानसभा सीट भी में भी मुकाबला कड़ा है. इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबला होने के कयास लगाये जा रहे हैं. इस सीट पर टीएमसी ने मेटेली ब्लाॅक के रहने वाले और श्रमिक नेता जोसेफ मुंडा पर दांव खेला है. मेटेली ब्लाॅक के रहने के बावजूद उन्हें नागराकाटा से टिकट दिया गया है. ऐसे में यह सवाल सामने आ रहा है कि क्या नागराकाटा की जनता ‘ बाहरी’ का तमगा लेकर आये जोसेफ मुंडा को अपना समर्थन देगी या विपक्षी पर मेहरबान होगी.
हालांकि जोसेफ मुंडा के बारे में राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि की क्षेत्र जोसेफ मुंडा की जानकारी पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता है. इलाके के कोने – कोने से जोसेफ वाकिफ है. ऐसे में उनका पक्ष भी काफी मजबूत है. टिकट मिलने के बाद जोसेफ मुंडा ने शनिवार को समर्थकों संग मीटिंग की और अपनी चुनावी रणनीति पर विचार – विमर्श किया. इस सीट पर विपक्ष को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता है.
नागराकाटा विधानसभा सीट टीएमसी के खिलाफ बीजेपी और कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं. दिलचस्प बात यह है झारखंड के पूर्व सीएम और वर्तमान में केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस सीट से सुकर मुंडा का नाम बीजेपी उम्मीदवार के रूप में पार्टी प्रमुख को सुझाया है. सुकर मुंडा ने 2016 में टीएमसी से इस सीट पर जीत हासिल की थी. 2020 में वे टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गये हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव पर गौर करें तो यहां से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही अच्छा प्रदर्शन किया था. बीजेपी इस सीट से आगे रही थी. 2016 में टीएमसी के सुकर मुंडा ने कांग्रेस के जोसेफ मुंडा को 3228 वोटों से हराया था. अभी दोनों ने ही पार्टी बदल ली है. अब देखना यह है कि टीएमसी से चुनाव लड़ रहे पूर्व कांग्रेसी जोसेफ मुंडा को यहां से जीत मिलती है या बीजेपी में शामिल सुकर मुंडा को अगर बीजेपी टिकट देती है तो उनका फिर से जादू चल जायेगा या नहीं.
Posted by : Babita Mali