पता चला कि बागान बंद के दौरान चाय श्रमिक और कर्मचारियों ने एक कमेटी बनाकर बागान के पत्तियां को बेचना शुरू किया था और उसी से उनका गुजारा चलता था. इसी बीच चाय बागान को फिर से खोल दिया गया है लेकिन श्रमिक नये मालिक को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. इधर पुलिस ने चाय बगान के जटेश्वर डिवीजन के पत्तियों को बेचने पर रोक लगा दी है, जिसके चलते श्रमिकों ने आंदोलन छेड़ दिया और मंगलवार को थाना के सामने धरने पर बैठ हुए थे.
सूत्रों से बताया गया कि चाय की पत्तियां बेचने के उद्देश्य से लाये गये तीन वाहनों को पुलिस ने जब्त किया है, जिसके बाद जटेश्वर डिवीजन के श्रमिक और कर्मचारियों ने लगभग 2500 किलो चाय की पत्तियां लेकर बीरपारा पुलिस स्टेशन के सामने फेंक दिया और विरोध करना शुरू कर दिया. बताया गया कि श्रमिकों ने पुलिस के माध्यम से अलीपुरदुआर जिलाधिकारी को एक मांग पत्र भी भेजा है.
बीरपारा पुलिस सूत्रों के अनुसार सोमवार को चाय बागान के नये मालिक ने जटेश्वर डिवीजन से चाय पत्तियों को तोड़कर अवैध रूप से बिक्री करने को लेकर एक शिकायत की है. शिकायत के तहत पुलिस ने इसको लेकर एक मामला दर्ज किया है. इस विषय पर बीरपाड़ा चाय बागान के जटेश्वर डिवीजन के श्रमिकों और कर्मचारियों का कहना है कि वे नए मालिक को तब तक स्वीकार नहीं करेंगे जब तक कि उन्हें स्वामित्व समझौते का परिवर्तन नहीं मिलता. क्योंकि यदि नया मालिक अचानक बगीचे को छोड़ देता है, तो श्रमिकों और कर्मचारियों को नुकसान उठाना पड़ेगा.
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Posted By – Aditi Singh