नोट गिनने की मशीन क्या होती है और यह कैसे काम करती है?
रिपोर्ट्स के अनुसार, 30 अलमारियों में भरे इन नोटों को गिनने लगी बड़ी मशीनों भी जवाब दे गईं. खबर है कि पैसे इतनी बड़ी मात्रा में बरामद किये गए कि उन्हें गिनने वाली मशीन भी खराब हो गई. आपको बता दें कि नोटों की गिनती के लिए सॉफ्स्टिकेटेड करेंसी वेरीफेकेशन एंड प्रॉसेसिंग (सीवीपीएस) मशीन का इस्तेमाल किया जाता है. यह कैश काउंटिंग मशीन ज्यादा सुरक्षित और तेज है. यह मशीन नोटों की वैल्यू और असली व नकली की पहचान करने में माहिर है. आरबीआई ने बयान जारी कर कहा कि ये मशीन काउंटिंग मशीन से काफी ज्यादा बेहतर हैं.
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क्या हैं प्रावधान?
बताया जाता है कि छापेमारी में बरामद किये गए नोटों को गिनने में कम से कम तीन दिन लग जाएंगे. नोटों की गिनती के बाद इस व्यापारिक समूह द्वारा नकदी रखने की वैधानिक अधिकार से साथ मिलान करने के बाद अतिरिक्त नकदी को जब्त किया जाएगा. इसके बाद आयकर अधिनियम में निहित प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
छह दिसंबर को हुई थी छापेमारी
ओडिशा आयकर विभाग की अनुसंधान शाखा ने टैक्स चोरी के आरोप में छह दिसंबर को बीडीपीएल व्यापारिक समूह से जुड़ी कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी. बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड (बीडीपीएल) व्यापारिक समूह में चार कंपनियां-बीडीपीएल, बलदेव साहू इंफ्रा लि, क्वालिटी बॉटलर्स और किशोर प्रसाद-विजय प्रसाद बिवरेज लिमिटेड शामिल हैं. बलदेव साहू इंफ्रा फ्लाई ऐश ब्रिक्स का काम करती है, जबकि शेष सभी कंपनियां शराब के व्यापार से संबंधित हैं.
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