क्या है झरिया पुनर्वास संशोधित मास्टर प्लान! प्रभावितों को क्या-क्या मिलेगा, यहां पढ़ें

Revised Jharia Master Plan: झरिया कोलफील्ड में संचालित कोयला खदानों में आग लगने की पहली घटना वर्ष 1916 में सामने आयी थी. उसके बाद से खदान में कोयले भंडार से ऊपर की सतह में कई बार आग लग चुकी है. राष्ट्रीयकरण होने से पहले ये खदानें निजी स्वामित्व में थीं और लाभ कमाने के मकसद से संचालित होती थीं. खनन के अवैज्ञानिक तरीके होने से इन खदानों में सुरक्षा, संरक्षण और पर्यावरण का ध्यान नहीं रखा जाता था. इस वजह से झरिया में जमीनी सतह का गंभीर क्षरण, भूमि का धंसान, कोयला खदानों में आग लगना और अन्य सामाजिक-पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हुईं.

By Mithilesh Jha | June 25, 2025 6:27 PM
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