कोरोना वायरस (COVID-19) के खौफ के बीच सोशल मीडिया यूजर्स (Social media) अब एक खगोलीय घटना को लेकर डरे हुए हैं. सोशल मीडिया पर कुछ लोग एक वीडियो के जरिये दावा कर रहे हैं कि 29 अप्रैल को दुनिया खत्म हो जाएगी. सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि आने वाले 29 अप्रैल को एक क्षुद्रग्रह जो हिमालय पर्वत से भी ज्यादा बड़ा है, वह पृथ्वी से टकराएगा. जिसके बाद भयंकर तबाही और विनाश जैसी स्थिति आ सकती है. बहुत से यूजर्स ने इसी प्रलय के इसी काल्पनिक दावे के साथ इस वीडियो को शेयर किया है. आपको भी वाट्सएप के जरिए इस खबर से जुड़ी कोई वीडियो मिली होगी. लेकिन हम आपको बता दें कि आप इन अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान ना दें.
दरअसल, नासा (NASA) ने हाल ही में एक सूचना जारी की थी. जिसके मुताबिक, ”52768 (1998 OR2)’नाम का एक क्षुद्रग्रह (asteroid) 29 अप्रैल, 2020 को पृथ्वी से गुजरेगा. बताया जा रहा है कि इस क्षुद्रग्रह का आकार बहुत ही बड़ा है. रिपोर्ट के मुताबिक इसका साइज हिमालय पर्वत से आधे साइज का है. एक अंग्रेजी वेबसाइट ”डेली एक्सप्रेस” ने इसको लेकर एक चेतावनी भरी खबर चला दी थी, जिसपर “CNEOS” ने ट्वीट कर कहा था दुनिया के विनाश की खबर पूरी तरह से गलत है.
इंडिया टुडे में छपी खबर के मुताबिक, 29 अप्रैल 2020 को लेकर किया गया दावा गलत है. नासा ने कुछ दिनों पहले यह सूचना दी थी कि ‘52768 (1998 OR2)’ नाम का एक क्षुद्रग्रह 29 अप्रैल, 2020 को पृथ्वी से गुजरेगा. इस दौरान पृथ्वी से इसकी दूरी करीब 4 मिलियन मील होगी. नासा ने यह भी बताया है कि इससे पृथ्वी पर किसी तरह का कोई असर नहीं पड़ने वाला है. ‘CNEOS’ के आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट कर बताया गया है, 29 अप्रैल को क्षुद्रग्रह 1998 OR2 पृथ्वी से 3.9 मिलियन माइल/6.2 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर गुजरेगा. यह पूरी तरह सुरक्षित है.
नासा के ‘Sentry Impact Risk Page’ पर भी इस ‘52768 (1998 OR2)’ क्षुद्रग्रह का कोई जिक्र नहीं है, जो पृथ्वी पर प्रभाव डालने वाली भविष्य की संभावित घटनाओं की निगरानी करता है.
यह क्षुद्रग्रह 1.8 किमी से 4.1 किमी के अनुमानित व्यास वाला है. यह पृथ्वी से करीब 3.9 मिलियन मील की अनुमानित दूरी से गुजरेगा. उस वक्त इसकी गति करीब 20,000 मील प्रति घंटे अनुमानित है. यह दूरी पृथ्वी और चंद्रमा की दूरी के मुकाबले लगभग 16 गुना है. इसका मतलब हुआ कि यह छोटा ग्रह पृथ्वी के नजदीक से नहीं गुजरेगा और न ही कोई प्रभाव डालेगा.
देश में इंटरनेट की बढ़ती कनेक्टिविटी जहां लोगों का जीवन आसान बना रही है, वहीं बहुत से लोग झूठी ख़बरों के चक्कर में भी आ जाते हैं. सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाना और उसे वायरल करा देना अब सेकेंडों का काम रह गया है सोशल मीडिया पर कई बार झूठी खबरें इसलिए भी चलती रहती हैं क्योंकि हमें पता ही नहीं होता कि इसका स्रोत क्या है और हम आगे फॉरवर्ड करते रहते हैं. अगर कोई स्टोरी आपके पास आती है तो आप यह जांच करें कि ये आया कहां से है. आप जो भी पढ़ते हैं ये देखते हैं , उस पर विचार करें. अगर आपको लगता है कि उसके शेयर करने से आप अपने मित्रों को कुछ लाभदायक सूचना पहुंचा पा रहे हैं, तभी उसे शेयर करें. अगर वह बेकार है या तनाव बढ़ाने वाला है तो उसे अपने पास ही डिलीट कर दें.