पौष मास की कालाष्टमी पूजन का शुभ मुहूर्त
पौष मास की कालाष्टमी तिथि आरंभ 03 जनवरी 2024 को शाम 07 बजकर 48 मिनट पर होगी और कालाष्टमी का समापन 04 जनवरी 2024 की रात 10 बजकर 04 मिनट पर होगी. पौष मास की कालाष्टमी 04 जनवरी 2024 दिन गुरुवार को मनाया जाएगा.
काल भैरव व्रत मंत्र
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कालाष्टमी के दिन भूलकर न करें ये काम
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काल भैरव जयंती या कालाष्टमी के दिन झूठ बोलने से बचें.
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इस दिन झूठ बोलने से आपको भारी नुकसान झेलना पड़ता है.
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काल भैरव की पूजा कभी भी किसी के नुकसान के मकसद से ना करें.
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अपने माता-पिता और गुरुओं को अपमानित ना करें.
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काल भैरव की पूजा कभी भी अकेले नहीं करनी चाहिए
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इस दिन पूजा में भगवान शिव और माता पार्वती को अवश्य शामिल करें.
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गृहस्थ लोगों को भगवान भैरव के तामसिक पूजा नहीं करनी चाहिए.
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कुत्तों को मारें नहीं बल्कि जितना हो सके, उन्हें भोजन कराएं.
कालाष्टमी पर घर में कैसे करें काल भैरव की पूजा
भगवान भैरव को नारियल, सिन्दूर, फूल, सरसों का तेल, काले तिल आदि चढ़ाना चाहिए. बाबा भैरव के प्रिय भोग इमरती, जलेबी, पान, नारियल अर्पित करें. अब काल भैरव जयंती की कथा पढ़ें और फिर भैरवनाथ की आरती करें. संध्याकाल में काल भैरव के मंदिर में चौमुखी सरसों के तेल का दीपक लगाकर ॐ कालभैरवाय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें. धर्मिक मान्यताओं के अनुसार अष्टमी तिथि के स्वामी रूद्र हैं, इसलिए हर महीने कृष्ण पक्ष की इस तिथि पर काल भैरव की पूजा करने की परंपरा है. कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के रौद्र रूप यानी भगवान भैरव की पूजा की जाती है.