एबीवीपी और आरएसएस से रहा जुड़ाव
योगेंद्र उपाध्याय युवावस्था से ही बीजेपी के कार्यकर्ता रहे हैं. आरएसएस में भी उनकी शुरू से प्रतिभागिता रही है. 1974 में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य बने और नगर मंत्री से लेकर प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य रहे. वह 1987 में भाजपा के सदस्य बने और महानगर मंत्री, महामंत्री के साथ प्रदेश कार्यकारिणी के भी सदस्य बने. वहीं 1989 में नगर महापालिका से वह पार्षद चुने गए और पार्षद दल के मुख्य सचेतक भी रहे.
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योगेंद्र उपाध्याय ने लगायी जीत की हैट्रिक
2012 में बीजेपी ने योगेंद्र उपाध्याय को दक्षिण विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत हासिल की. इसके बाद 2017 में फिर से उन्होंने 53 हजार वोट से जीत हासिल की और दोबारा से विधायक बने. 2022 में योगेंद्र उपाध्याय ने फिर से अपनी सीट पर जीत काबिज की और इस बार वे योगी के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री की शपथ ले चुके हैं.
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योगेंद्र उपाध्याय को कहा जाता है आगरा का भागीरथ
दक्षिण विधानसभा से बीजेपी के विधायक योगेंद्र उपाध्याय को आगरा का भागीरथ भी कहा जाता है. आगरा में पानी को लेकर बहुत ज्यादा किल्लत थी, जिसके लिए योगेंद्र उपाध्याय ने काफी प्रयास किए और आगरा को अपने प्रयासों से गंगाजल की प्राप्ति कराई. आगरा में इस समय लोगों को जो गंगाजल मिल रहा है, उसमें योगेंद्र उपाध्याय की मुख्य भूमिका रही है.
रिपोर्ट- राघवेंद्र सिंह गहलोत, आगरा