हमने कभी नहीं की इतनी मेहनत: गोविंदा

मधु पाल ... मुंबई से बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए नब्बे के दशक के हीरो नंबर वन गोविंदा अब अपनी दूसरी पारी को लेकर भी ख़ासे उत्साहित हैं. लीडिंग रोल में ना सही लेकिन अलग रोल में वो यशराज बैनर की किल दिल और सैफ़ अली ख़ान की हैप्पी एंडिंग में नज़र आएंगे. और गोविंदा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2014 12:08 PM

मधु पाल

मुंबई से बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए

नब्बे के दशक के हीरो नंबर वन गोविंदा अब अपनी दूसरी पारी को लेकर भी ख़ासे उत्साहित हैं.

लीडिंग रोल में ना सही लेकिन अलग रोल में वो यशराज बैनर की किल दिल और सैफ़ अली ख़ान की हैप्पी एंडिंग में नज़र आएंगे.

और गोविंदा स्वीकार करते हैं कि मौजूदा दौर के कलाकारों का काम ज़्यादा मुश्किल है.

मुश्किल दौर

बीबीसी से बात करते हुए वह कहते हैं, "हमने कभी इतनी मेहनत नहीं की. आजकल के कलाकार बहुत मेहनत करते हैं. हम तो सिर्फ़ एक्टिंग पर ध्यान देते थे. अब तो आपको कंप्लीट पैकेज होना पड़ेगा."

गोविंदा मानते हैं कि 80 के दशक में जब वह फ़िल्मों में आए तो सेट पर अलग माहौल होता था.

वह कहते हैं, "हमारा बड़ा ध्यान रखा जाता था. हमें एक तरह से पाला जाता था. लेकिन आज के कलाकार ख़ुद ही बड़े ज़िम्मेदार हो गए हैं. वे ना सिर्फ़ ख़ुद को बल्कि दूसरों को भी पाल रहे हैं."

रणवीर-दीपिका के प्रशंसक

गोविंदा, रणवीर सिंह और वरुण धवन जैसे नए कलाकारों के मुरीद हैं.

वह रणवीर सिंह में अपने आप की झलक देखते हैं.

गोविंदा के शब्दों में, "मैंने कई सालों से सिनेमाहॉल में किसी कलाकार के लिए सीटी नहीं बजाई. लेकिन राम-लीला में रणवीर और दीपिका की जोड़ी देखकर मैंने सीटी बजाई थी."

‘समझदार अभिनेत्रियां’

मौजूदा दौर की अभिनेत्रियों के बारे में भी उनकी नेक राय है.

गोविंदा कहते हैं, "सभी अभिनेत्रियां ख़ूबसूरत और समझदार हैं. काफ़ी प्रैक्टिल हैं और पढ़ी-लिखी भी हैं."

गोविंदा के दोनों बच्चे भी फ़िल्मी मैदान में आने को तैयार हैं.

बेटी नर्मदा अपनी पहली फ़िल्म की शूटिंग शुरू कर चुकी हैं जबकि बेटा यश भी एक्टिंग स्कूल में पढ़ रहा है.

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