संविधान पीठ तय करेगा, दिल्ली का बॉस कौन

टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है कि दिल्ली का ‘बॉस’ कौन है, सुप्रीम कोर्ट ने यह तय करने का जिम्मा संविधान पीठ को सौंप दिया है. दिल्ली में शासकीय अधिकारों को लेकर चल रहे मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा कि वे इस मुद्दे पर बड़ी पीठ के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2017 9:59 AM
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टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है कि दिल्ली का ‘बॉस’ कौन है, सुप्रीम कोर्ट ने यह तय करने का जिम्मा संविधान पीठ को सौंप दिया है. दिल्ली में शासकीय अधिकारों को लेकर चल रहे मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा कि वे इस मुद्दे पर बड़ी पीठ के सामने बहस करें.

जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस आरके अग्रवाल की पीठ ने कहा कि इस मामले में क़ानून और संविधान से जुड़े अहम सवाल निहित हैं इसलिए फैसला संविधान पीठ को करना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर अब इस प्रकरण की सुनवाई के लिए संविधान पीठ का गठन करेंगे.

हिन्दुस्तान टाइम्स अख़बार की ख़बर के मुताबिक दिल्ली के दो डॉक्टरों अश्विनी माइचंद और राहुल ककरान पर दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने 6 महीनों के लिए पाबंदी लगा दी है और उनका मेडिकल लाइसेंस निलंबित कर दिया है. इस दौरान वे देशभर में कहीं भी इलाज नहीं कर सकते.

पिछले साल 21 जून को शालिमार बाग के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती 24 साल के राजीव राय के दाहिने पैर का ऑपरेशन होना था और इन्होंने मरीज के बाएं पैर का ऑपरेशन कर दिया था. अस्पताल ने अपनी जांच में दोनों डॉक्टरों को दोषी पाया था और उन्हें निकाल दिया था.

द हिन्दू अख़बार ने लिखा है कि एआईएडीएमके पार्टी की अंतरिम महासचिव शशिकला ने आय से अधिक संपत्ति मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से सज़ा मिलने के बाद बुधवार को बैंगलूरू में सरेंडर कर दिया.

लेकिन जेल जाते जाते उन्होंने अपने दो भतीजों टीटीवी दिनाकरन और एस वेंकटेश की एआईएडीएमके पार्टी में सदस्यता फिर से बहाल कर दी. 2011 में इन दोनों को पार्टी से निकाल दिया गया था. शशिकला ने दिनकारन को पार्टी का उपमहासचिव बना दिया है जो शशिकला की अनुपस्थिति में पार्टी में महासचिव की शक्तियों का इस्तेमाल करेंगे.

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