यूरोपीय चुनाव परिणाम ने महादेश की राजनीति में चल रही खींचतान को फिर से रेखांकित किया है. भले ही यूरोपीय संघ के पक्ष में अब भी बड़ा बहुमत है, लेकिन धुर-दक्षिणपंथ ने भी अपनी ताकत बढ़ायी है. ग्रीन पार्टियों की बड़ी सफलता यह इंगित करती है कि पर्यावरण और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा यूरोपीय जनमानस की प्रमुख चिंताओं में है.
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