पॉपुलिस्ट और ग्रीन की बढ़त

यूरोपीय चुनाव परिणाम ने महादेश की राजनीति में चल रही खींचतान को फिर से रेखांकित किया है. भले ही यूरोपीय संघ के पक्ष में अब भी बड़ा बहुमत है, लेकिन धुर-दक्षिणपंथ ने भी अपनी ताकत बढ़ायी है. ग्रीन पार्टियों की बड़ी सफलता यह इंगित करती है कि पर्यावरण और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा यूरोपीय जनमानस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2019 2:16 AM
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यूरोपीय चुनाव परिणाम ने महादेश की राजनीति में चल रही खींचतान को फिर से रेखांकित किया है. भले ही यूरोपीय संघ के पक्ष में अब भी बड़ा बहुमत है, लेकिन धुर-दक्षिणपंथ ने भी अपनी ताकत बढ़ायी है. ग्रीन पार्टियों की बड़ी सफलता यह इंगित करती है कि पर्यावरण और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा यूरोपीय जनमानस की प्रमुख चिंताओं में है.

चूंकि सेंटर-लेफ्ट और सेंटर-राइट खेमे बहुमत नहीं जुटा सके हैं, तो महत्वपूर्ण मुद्दों पर ग्रीन समूह और पॉपुलिस्टों को साधने की कवायद करनी पड़ेगी.इटली, ब्रिटेन और फ्रांस में उग्र-राष्ट्रवादी और यूरोपीय संघ के विरोधी पहले स्थान पर आये हैं. हंगरी और पोलैंड में भी उन्हें उल्लेखनीय सफलता मिली है. ये परिणाम यूरोप की राजनीति के साथ वैश्विक परिदृश्य को भी प्रभावित करेंगे.

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