टुसू पर्व आज : बांसेक टुपलाय थापना करि सजाय हेतेक फूल मोहने

डॉ राजाराम महतो कुरमाली भाषा बोलनेवाले की संस्कृति में प्रकृति के बोल समाये हुए हैं. उनके पूजा-पर्व सभी प्रकृति के चतुर्दिक संपन्न होते हैं. यह प्रसिद्ध कुरमाली गीत यहां की प्रकृति में रमे एक कवि ने लिखा है – ‘‘वसंत समये दूती, गृहे नाइ मर बज्रपति/नाना फूले फूले मधुमासे/सुनो राखी गो/ अवला धइरज धरि कइसे./ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2015 6:17 AM
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