चीन-पाकिस्तान जुगलबंदी-3 : क्या चीन के लिए अपना शाश्वत मित्र, सबके शाश्वत सत्य से अधिक मूल्यवान है?

रवि दत्त बाजपेयी वर्ष 1950 में तिब्बत को पूरे नियंत्रण में लेने के बाद भी चेयरमैन माओ, तिब्बत में विदेशी शक्तियों के हस्तक्षेप को लेकर बेहद चिंतित थे. माओ के आकलन में चीन को तिब्बत में घेरने के लिए भारत और अमेरिका एक साथ मिल गये थे. पाकिस्तान तिब्बत को चीन के कब्जे से छुड़ाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 21, 2016 7:14 AM
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