देहरी का दीप

भीगी आंखों से देख रहा हूं, अपने गांव की उस प्यार-दुलार बरसाती धरती को. वर्षों पहले छूट गये अपनेपन को तलाशती नजरों में एक खास प्यास थी. अपने पुरखों के बनवाये मकान की सीढ़ियां चढ़ते हुए मन भावुक हो उठा है. कई वर्षों के बाद आज जब मैं गांव वापस लौटा हूं, तो वे ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2016 6:30 AM
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