उड़ी हमला : भावनाओं में बह कर कदम उठाने से बचना होगा

सैयद अता हसनैन लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) 1971 के दौर से यह स्पष्ट है कि कैसे इंदिरा गांधी ने बुद्धिमत्ता पूर्ण ढंग से भारत-सोवियत संधि पर हस्ताक्षर कर और कूटनीतिक अाक्रामकता से परिस्थितियों को अपने पक्ष में कर लिया था, जिसकी वजह से हम युद्ध जीतने में कामयाब रहे. पढ़िए तीसरी कड़ी. उड़ी सैन्य चौकी पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2016 6:45 AM
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