वासंतिक नवरात्र चौथा दिन : कूष्माण्डा दुर्गा का ध्यान

सुरा सम्पूर्ण कलशं राप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु में।। रूधिर से परिप्लुत एवं सुरा से परिपूर्ण कलश को दोनों करकमलों में धारण करनेवाली कूष्माण्डा दुर्गा मेरे लिए शुभदायिनी हों. नवरात्र में मां दुर्गा की उपासना-4 श्रीमद्देवीभागवत के तृतीय स्कन्ध के सत्ताइसवें अध्याय में यह कथा इस प्रकार से है—पूर्वकाल में कौशल नामक देश में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2017 5:41 AM
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