वासंतिक नवरात्र पांचवां दिन: स्कन्दमाता दुर्गा का ध्यान

सिंहासनगता नित्यं पद्मांचितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।। जो नित्य सिंहासन पर विराजमान रहती हैं तथा जिनके दोनों हाथ कमलों से सुशोभित होते हैं, वे यशस्विनी दुर्गादेवी स्कन्दमाता सदा कल्याणदायिनी हों सुशील नामक वैश्व ने कहा, हे ब्राह्मण, धन के अभाव से मेरी पुत्री का विवाह का समय बीता जा रहा है. इसलिए मैं और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 1, 2017 8:33 AM
an image
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version