UN Security Council: पाकिस्तान कैसे बन गया संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष? भारत के लिए कितनी चिंता की बात

UN Security Council: पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बन गया है. उसका कार्यकाल दो साल के लिए होगा. अध्यक्ष बनने के बाद पाकिस्तान की पहली प्रतिक्रिया भी आ गई है. जिसमें पड़ोसी देश ने कहा, "उसने कानून और बहुपक्षवाद के सम्मान को बढ़ावा देने के लिए उद्देश्य, विनम्रता और दृढ़ विश्वास के साथ जुलाई महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभाल ली है. सवाल उठता है कि आखिर पाकिस्तान अध्यक्ष कैसे बन गया? दूसरा कि पाकिस्तान के अध्यक्ष बनने से भारत के लिए कितनी चिंता की बात है.

By ArbindKumar Mishra | July 1, 2025 6:31 PM
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UN Security Council: पाकिस्तान जनवरी 2025 में दो साल के कार्यकाल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया था. पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में भारी समर्थन के साथ सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया और उसे 193 में से 182 वोट मिले थे. सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता का पद मासिक आधार पर 15 सदस्यों के बीच वर्णानुक्रम में बदलता रहता है.

पाकिस्तान के अध्यक्ष बनने से भारत को कितना चिंतित होना चाहिए?

पाकिस्तान का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अध्यक्ष बनना एक रोटेशनल प्रक्रिया का हिस्सा है. इस स्थिति में पाकिस्तान के पास कोई विशेष शक्ति नहीं होगी. हालांकि पाकिस्तान इस मंच का उपयोग कश्मीर मुद्दे के लिए कर सकता है, जो अभी तक करता रहा है. वैसे कश्मीर मुद्दे पर सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों का भारत के पक्ष में समर्थन है. वैसी स्थिति में पाकिस्तान की एक न चलेगी.

जुलाई में सुरक्षा परिषद की बैठकों की अध्यक्षता करेगा पाकिस्तान

राजदूत इफ्तिखार जुलाई में प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर सुरक्षा परिषद की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे. उन्होंने कहा कि वह जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य, दुनिया में बढ़ती अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरों, बढ़ते संघर्षों और गहराते मानवीय संकटों से पूरी तरह अवगत हैं. इफ्तिखार पहले ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस से मिल चुके हैं और उन्हें जुलाई में सुरक्षा परिषद की कार्य योजना के बारे में जानकारी दे चुके हैं.

पाकिस्तान की अध्यक्षता में दो हाई लेवल कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे

जुलाई में पाकिस्तान की अध्यक्षता के दौरान दो उच्च-स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. 22 जुलाई को ‘बहुपक्षवाद और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना’ विषय पर एक खुली बहस होगी वहीं 24 जुलाई को ‘संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय एवं उप-क्षेत्रीय संगठनों के बीच सहयोग: इस्लामिक सहयोग संगठन’’ पर एक कार्यक्रम होगा.

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