Snake Blood: किस देश के लोग पीते हैं सांप का खून? वजह जानकर कांप उठेगा कलेजा!    

Snake Blood: सांप का खून पीने की परंपरा किन देशों में हैं? आइए जानते है.

By Aman Kumar Pandey | May 15, 2025 3:20 PM
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Snake Blood: दुनिया में सांपों को सबसे जहरीले जीवों में गिना जाता है. किंग कोबरा, करैत और ब्लैक माम्बा जैसे सांप अपने जहरीले डंस से कुछ ही मिनटों में इंसान की जान ले सकते हैं. इसके बावजूद, कुछ देशों और जनजातियों में सांप से जुड़ी ऐसी परंपराएं और मान्यताएं हैं जो चौंकाने वाली हैं. इन क्षेत्रों में न केवल सांप का खून पिया जाता है, बल्कि लोग नशे के लिए अपने शरीर पर सांप से कटवाते भी हैं. इसके अलावा, चिकित्सा जगत में भी सांप के जहर का उपयोग विभिन्न दवाओं के निर्माण में किया जाता है.

चीन, वियतनाम, हॉन्गकॉन्ग और इंडोनेशिया जैसे देशों में ‘स्नेक वाइन’ नामक पेय बहुत लोकप्रिय है. इसे सांप के खून और शराब को मिलाकर तैयार किया जाता है. वहां के लोगों का मानना है कि यह पेय यौन क्षमता बढ़ाने में मदद करता है और त्वचा को सुंदर बनाए रखता है. प्राचीन समय से ही चीन में यह विश्वास रहा है कि सांप के खून में विशेष गुण होते हैं जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं.

इतिहास में भी सांप के उपयोग के प्रमाण मिलते हैं. 100 ईसा पूर्व से ही सांप के जहर और खाल का इस्तेमाल त्वचा रोगों के इलाज में किया जाता रहा है. इंडोनेशिया में सांप की खाल का लेप बनाकर गंभीर त्वचा रोगों का इलाज किया जाता है. यहां तक कि कुछ देशों की सेनाओं में सैनिकों को प्रशिक्षण के दौरान सांप का खून और मांस खाने के लिए दिया जाता है, ताकि उनमें साहस और सहनशक्ति बढ़ सके.

लैटिन अमेरिका और अन्य क्षेत्रों की कुछ जनजातियों में सांप का खून पीना एक परंपरा का हिस्सा है. वहां यह माना जाता है कि जो व्यक्ति जितना अधिक सांप का खून पीता है, वह उतना ही साहसी और ताकतवर होता है. यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है और आज भी कायम है.

अब सवाल यह उठता है कि जब सांप इतना जहरीला होता है, तो उसका खून पीने से लोग मरते क्यों नहीं? इसका कारण यह है कि सांप का खून जहरीला नहीं होता. सांप के शरीर में जहर एक विशेष ग्रंथि में इकट्ठा रहता है, जो खून से अलग होता है. जब सांप किसी को काटता है, तभी वह अपनी जहर वाली ग्रंथि से जहर को बाहर निकालता है. इस वजह से खून पीने पर शरीर में जहर नहीं जाता.

विज्ञान की नजर से देखा जाए तो ‘न्यू साइंटिस्ट’ की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सांप के खून में फैटी एसिड्स और अन्य तत्व होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माने जाते हैं. वैज्ञानिकों ने सांप के प्लाज्मा को चूहों में इंजेक्ट किया और पाया कि उनके दिल की कार्यक्षमता बेहतर हो गई. हालांकि, अभी यह कहना मुश्किल है कि यह तरीका इंसानों पर भी उतना ही असरदार होगा. इस प्रकार, सांप के खून और उससे जुड़ी परंपराएं न केवल सांस्कृतिक मान्यताओं का हिस्सा हैं, बल्कि विज्ञान और मेडिकल के क्षेत्र में भी यह एक रोचक विषय बना हुआ है.

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