सियाम ने अपने श्वेत पत्र में कहा है कि उसका लक्ष्य है कि 2030 तक देश में बिकने वाले नये वाहनों में से 40 प्रतिशत पूरी तरह इलेक्ट्रिक हो. संगठन ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जबकि सरकार चाहती है कि 2030 तक देश में सार्वजनिक मोबिलिटी पूरी तरह इलेक्ट्रिक चालित हो जाए. वहीं इस अवधि में व्यक्तिगत मोबिलिटी वाले 40 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य है.
हालांकि पूर्व बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने इस साल अप्रैल में कहा था, ‘विचार यही है कि 2030 तक देश में एक भी पेट्रोल या डीजल चालित वाहन नहीं बिके.’ सियाम ने 2047 में देश की स्वतंत्रता की सौंवी वर्षगांठ तक देश में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन (बैटरी इलेक्ट्रिक या ईंधन सेल) करने का प्रस्ताव करते हुए एक रुपरेखा पेश की है जिसके तहत 2030 तक देश में बिकने वाले 60 प्रतिशत नये वाहनों में हाइब्रिड या अन्य वैकल्पिक ईंधन जैसी हरित प्रौद्योगिकी वाले होंगे.
सियाम के अध्यक्ष अभय फिरोदिया ने कहा कि इस दृष्टिकोण का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सरकार व विभिन्न भागीदारों को 100 प्रतिशत प्रतिबद्धता के साथ मिलकर काम करना होगा व निवेश करना होगा. उन्होंने कहा कि पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ने के लिए हमें अगले दशक में इंजन उन्नयन पर काम करते रहना होगा.
सियाम के श्वेत पत्र के अनुसार भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मजबूत बाजार व विनिर्माण परिदृश्य बनाये जाने की जरुरत है और इस बारे में नीति आने वाले समय में सतत रहनी चाहिए ताकि यह उद्योग पूरे विश्वास के साथ निवेश कर सके.