Ratan Tata को कैसे आया Nano का आईडिया
Ratan Tata भले ही इतने बड़े उद्योगपति रहे हैं लेकिन, हमेशा से ही उनका रहन सहन बिल्कुल ही साधारण रहा है. इस कार के बारे में बताते हुए उन्होंने Facebook के एक पोस्ट शेयर किया था और उस पोस्ट में उन्होंने Tata Nano को अपना ड्रीम कार बताया था. इस कार के पीछे के आईडिया के बारे में बताते हुए उन्होंने अपने उसी पोस्ट में यह भी लिखा था कि कि उन्होनें एक बार मुंबई की तेज बारिश में बाइक पर चार लोगों के एक परिवार को सवारी करते हुए देखा था. वह परिवार काफी परशानी का सामना कर सफर कर रहा था और बारिश से बचने की नाकामियाब कोशिश भी कर रहा था.
इस घटना को देखकर उनके दिमाग में एक ख्याल आया कि आखिर किस तरह से लोग बाइक के अलावा कोई दूसरा सस्ता विकल्प न होने के कारण अपने जीवन को खतरे में डाल रहे हैं. इसी के बाद Ratan Tata ने एक ऐसी कार बनाने का वादा किया जो कि कम कीमत में एक आम इंसान के कार की सवारी के सपने को पूरा कर सकता हो. इस कार के बारे में बताते हुए उन्होंने आगे बताया कि हमने समय के साथ काम किया और पहली बार देश की सबसे सस्ती कार टाटा नैनो को लॉन्च किया.
Tata Nano क्यों रही चर्चे में
इस कार के चर्चे में रहने के पीछे कई कारण है. पहला कि उस दौर में किसी भी और कंपनी के पास इतने कम कीमत में फैमिली कार मौजूद नहीं थी. केवल यही नहीं यह कार हर वह आदमी अफोर्ड कर सकता था जिसके पास एक मोटरसाइकिल खरीदने का पैसा हो. साल 2008 में यह कार हर मिडिल क्लास परिवार का सपना बन गया था. अब लोग मोटरसाइकिल नहीं बल्कि इसकी बातें करने लगे थे. अपने लॉन्च होने की खबर के साथ ही इस कार ने लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली थी और लाख रुपये में इतनी सुविधाएं प्रदान करने वाली इकलौती कार बन गयी थी.
Tata Nano पर Ratan Tata को है गर्व
देश की पहली लखटकिया कार Nano पर उन्हें काफी गर्व रहा है. लोगों को इस लखटकिया कार की सवारी कराने के सपने को पूरा करा पाना और उनसे अपने इस वादे को पूरा करा पाने का उनको काफी गर्व है. इस छोटी फैमिली कार में बिना किसी परेशानी के चार लोग सफर कर सकते थे. भले ही टाटा नैनो में इंजन कैपेसिटी कम थी लेकिन फिर भी इसमें सफर करने में सवारियों को कोई भी परेशानी नहीं होती थी.