आईबीए के मुताबिक, डीबीयू का डिजिटल विस्तार करने के लिए प्रासंगिक नियमों के अनुरूप बैंकों के पास डिजिटल व्यापार सुविधाकर्ताओं/ व्यापार संवाददाताओं को साथ जोड़ने का विकल्प भी होगा. आईबीए ने कहा, सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, 10 निजी क्षेत्र के बैंक और एक लघु वित्त बैंक ने जुलाई 2022 तक इन इकाइयों को चालू करने का काम पहले ही शुरू कर दिया है.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा था कि भारत की आजादी के 75 साल पूरा होने पर देश के 75 जिलों में 75 डीबीयू स्थापित किये जाएंगे. इसका मकसद डिजिटल बैंकिंग के लाभों को देश के कोने-कोने तक पहुंचाना है. डीबीयू के गठन का खाका तैयार करने के लिए आरबीआई के वित्तीय प्रौद्योगिकी विभाग के कार्यकारी निदेशक अजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था. इस समिति में आरबीआई, चुनिंदा बैंकों और आईबीए के वरिष्ठ अधिकारियों भी शामिल थे. समिति की मदद के लिए आईबीए के मुख्य कार्यपालक सुनील मेहता की अध्यक्षता में एक कार्य-समूह बनाया गया.
इस कार्य-समूह ने देश भर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 75 जिलों के नाम की सिफारिश की. आरबीआई इस परियोजना के पायलट परीक्षण पर लगातार नजर रखे हुए है. इसके तहत डिजिटल उपयोग, साइबर सुरक्षा जागरूकता और सुरक्षा उपायों पर ग्राहक शिक्षा पर जोर दिया गया है. आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, हरेक डीबीयू को ऋण और जमा के संदर्भ में कुछ न्यूनतम डिजिटल बैंक उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करनी होगी.